Saturday, 12 November 2011

हाईकोर्ट के कर्मचारियों को आरक्षण पर जवाब तलब

: कुरुक्षेत्र की छात्रा की याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई
: पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ प्रशासन से मांगा जवाब 
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने अपने कर्मचारियों को राज्य सरकार व चंडीगढ़ प्रशासन के कर्मचारियों के समान आरक्षण लाभ दिए जाने पर पंजाब व हरियाणा तथा चंडीगढ़ प्रशासन से जवाब तलब किया है। जस्टिस सूर्यकांत ने मामले पर १६ नवंबर के लिए सुनवाई तय करते हुए पंजाब व हरियाणा के मुख्य सचिवों तथा चंडीगढ़ प्रशासन में प्रशासक के सलाहकार से इस बारे में जवाब मांगा है। अदालत ने राज्य सरकारों व प्रशासन से पूछा है कि पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट में काम करने वाले कर्मचारी पंजाब, हरियाणा व चंडीगढ़ के कर्मचारियों के समान ही राज्य के लिए आरक्षित सीटों का लाभ क्यों नहीं ले सकते। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में कार्यरत एक कर्मचारी की बेटी सिंधू की तरफ से दाखिल याचिका में कहा गया कि उसने कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी से पांच वर्षीय लॉ कोर्स में दाखिला लेने के लिए आवेदन दिया था। यूनिवर्सिटी ने उसके पिता को हरियाणा सरकार का कर्मचारी न मानते हुए हरियाणा सरकार के कर्मचारियों के बच्चों को मिलने वाले आरक्षण का लाभ देने से इंकार कर दिया। याचिका में कहा गया है कि पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में काम करने वाले कर्मचारियों को राज्य सरकार का कर्मचारी क्यों नहीं माना जा सकता। अदालत ने इस पर दोनों राज्य सरकारों व प्रशासन से जवाब तलब किया है कि उन्हें राज्य अथवा प्रशासन के कर्मचारियों को मिलने वाला लाभ क्यों नहीं दिया जा सकता।

कोर्ट ने साथ ही यूनिवर्सिटी को निर्देश दिया कि यदि छात्रा की श्रेणी में उससे ऊपर मेरिट में कोई छात्र नहीं है तो उसे पांच वर्षीय लॉ कोर्स बीए एलएलबी(आनर्स) में दाखिला दिया जाए। अदालत ने साथ ही राज्य सरकारों व प्रशासन से पूछा कि पंजाब, हरियाणा व चंडीगढ़ के सांझे हाईकोर्ट में काम करने वाले कर्मचारियों को राज्य सरकार व प्रशासन के अन्य कर्मचारियों के समान लाभ क्यों नहीं दिया जा सकता।
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