Friday, 25 November 2011

अनफिट विषयों की विदाई की तैयारी

धर्मेद्र यादव, सिरसा विद्यार्थियों के घटते रुझान की वजह से अनफिट हो चले विषयों की विदाई की तैयारी शुरू हो गई है। इस दायरे में आने वाले डेढ़ दर्जन विषयों को कालेज शिक्षा से हटाने के लिए विश्र्वविद्यालयों के शिक्षाविद मगजमारी कर रहे हैं। बहुत संभव है, प्रदेश के सभी विश्र्वविद्यालयों के परीक्षा नियंत्रकों की प्रस्तावित बैठक में कई विषयों की विदाई पर मुहर लग जाए। इस फेहरिस्त में शामिल विषयों में अधिकतर वे विषय हैं जिन्हें पढ़ने वाले विद्यार्थियों की संख्या न के बराबर है। कुछ ऐसे हैं, जिन्हें पढ़ने वाला एक बच्चा भी नहीं है। दूसरा, विश्र्वविद्यालयीय नीति नियंताओं को यह भी अखर रहा है कि इन विषयों की वजह से परीक्षा कार्यक्रम अनावश्यक रूप से लंबा होता है। सेमेस्टर सिस्टम शुरू होने के बाद साल में दो बार होने वाली परीक्षा में एक-एक महीना लग जाता है। परीक्षाओं के संचालन में ज्यादा समय खर्च होने से चिंतित उच्चतर शिक्षा विभाग ने पिछले दिनों प्रदेश के चारों विश्र्वविद्यालयों- सीडीएलयू, सिरसा, एमडीयू रोहतक, केयू, कुरुक्षेत्र व महिला विश्र्वविद्यालय, खानपुर के परीक्षा नियंत्रकों की बैठक बुलाई गई थी। परीक्षा कार्यक्रम व संचालन में कम से कम समय लगे, इसके लिए बैठक में परीक्षा नियंत्रकों से सुझाव मांगे। मोटे तौर पर सभी परीक्षा नियंत्रक इस बात पर एकमत हैं कि जिन विषयों को पढ़ने में बच्चों का रुझान नहीं है, उन्हें बंद कर दिया जाए। एमडीयू ने ऐसे 15 विषयों की लिस्ट तैयार करके सभी विश्र्वविद्यालयों को भेजी है। सीडीएलयू के परीक्षा नियंत्रक प्रोफेसर प्रवीण अगमकर ने बताया कि यह सूची एमडीयू ने अपनी स्थितियां ध्यान में रखकर तैयार की है। मसलन, पंजाबी इलेक्टिव विषय पढ़ने के प्रति एमडीयू के कालेजों में रुझान नहीं है, लेकिन पंजाबी बेल्ट होने की वजह से पंजाबी यहां जरूरी है। एमडीयू के परीक्षा नियंत्रक बीएस सिंधू का कहना है कि विश्र्वविद्यालय 15 विषय बंद करना चाहता है। इनमें से पांच विषय में एक बच्चा भी नहीं है। ये विषय हैं- इंश्योरेंश, इंडस्टि्रयल कैमेस्ट्री, टाइप राइटिंग, एंथ्रोपोलॉजी व शार्ट हैंड। कुरुक्षेत्र विश्र्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक यशपाल गोस्वामी का कहना है कि इस बारे में प्रक्रिया चल रही है, अभी फाइनल नहीं हुआ है।
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