Thursday, 10 November 2011

सुप्रीम कोर्ट ने अग्निवेश को लगाई फटकार

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली अमरनाथ यात्रा पर विवादित टिप्पणीं करने वाले स्वामी अग्निवेश से सुप्रीम कोर्ट ने कहा है उन्हें लोगों की भावनाओं को हल्के में नहीं लेना चाहिए। भावनाओं को आहत करने वाली बात नहीं बोलनी चाहिए। सार्वजनिक जीवन में रहने वाले व्यक्ति को बोलने से पहले दस बार सोचना चाहिए। ये बात मंगलवार को न्यायमूर्ति एचएल दत्तू व न्यायमूर्ति सीके प्रसाद की पीठ ने मामला समाप्त करने की अग्निवेश की याचिका पर सुनवाई सोमवार तक टालते हुए कही। पीठ ने कहा कि अगर उन्होंने ऐसा कहा है तो वे बच नहीं सकते। लोगों की भावनाओं को हल्के में नहीं लिया जा सकता। हर वर्ष बड़ी संख्या में लोग अमरनाथ यात्रा पर जाते हैं। मालूम हो कि अग्निवेश पर अमरनाथ यात्रा के बारे में विवादित टिप्पणी करने का आरोप है। इस मामले में उनके खिलाफ हरियाणा की अदालत में मामला लंबित है। अग्निवेश ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर उनके खिलाफ दर्ज मामला निरस्त करने की मांग की है। पीठ ने अग्निवेश की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल सुब्रमण्यम व विक्रम पत्रलेख से कहा कि अभी मामले में जांच चल रही है ऐसी स्थिति में हस्तक्षेप करना ठीक नहीं लगता। सुब्रमण्यम ने कहा कि अग्निवेश के बयान को तोड़मरोड़ कर पेश किया गया है। उनका इरादा लोगों की भावनाएं आहत करने का नहीं था। सुब्रमण्यम ने अतिरिक्त हलफनामा देने के लिए कोर्ट से कुछ और समय दिए जाने का अनुरोध किया। पीठ ने मामले की सुनवाई सोमवार तक टाल दी। गौरतलब है कि मई में अग्निवेश कश्मीर गए थे और उन्होंने पत्रकारों से बातचीत के दौरान अमरनाथ यात्रा पर विवादित टिप्पणी की थी। कथित तौर पर उन्होंने अमरनाथ यात्रा को पाखंड बताया था। यह खबर अखबार में छपी और इसके आधार पर हरियाणा निवासी प्रवीण कुमार ने अग्निवेश पर उनकी धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप लगाते हुए अदालत में शिकायत दाखिल की थी। अदालत के आदेश पर अग्निवेश के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था। हाईकोर्ट ने मामला निरस्त करने की उनकी याचिका खारिज कर दी थी।
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