Monday, 7 November 2011

सरकारी एयरक्राफ्ट इंजीनियरिंग कालेज पर लगेगा ताला !!!!!!!!!!!!

भूपेश चट्ठा, पटियाला उत्तर भारत के सबसे पुराने और पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू एवं कश्मीर व चंडीगढ़ के बीच इकलौते पंजाब एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस व एयरोनॉटिकल कालेज पैमेक बंद होने जा रहा है। केंद्र सरकार के संस्थान डायरेक्टर जनरल आफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) की ओर से जारी की गई नई गाइडलाइंस की शर्ते पूरी न कर पाने के चलते कालेज में अगले साल से कोई भी भविष्य का इंजीनियर दिखाई नहीं देगा। वैश्विक मंदी के बावजूद देश में एयर लाइनों का विस्तार जारी है और हर साल तीस एयरक्राफ्ट इंजीनियर देने वाला कालेज अपनी सबसे अधिक जरूरत के समय बंद होने जा रहा है। एयर क्राफ्ट मेंटेनेंस कालेजों के लिए डीजीसीए ने नीति बदल दी है। नई गाइडलाइंस के अनुसार कालेज के पास पे्रशराइज्ड-जेट इंजन वाला विमान होना जरूरी है। यह चाहे तो सेकेंडहैंड हो पर चालू होना आवश्यक है। पैमेक के प्रिंसिपल एचबी सिंह ने पूछे जाने पर यह तो स्वीकार किया कि संस्थान में आखिरी कक्षा चल रही है पर अगले साल प्रवेश के सवाल पर खामोश हो गए। सिविल एविएशन के सूत्र बताते हैं कि कालेज प्रबंधन को डीजीसीए ने कई बार आगाह किया, लेकिन किसी ने मापदंड पूरे करने में दिलचस्पी ही नहीं ली, कालेज में इधर-उधर से रिटायर हुए लोगों को भर्ती कर लिया गया है। इन्हें सरकार से तय वेतन मिलता है और आगे भी जारी रहेगा। ऐसे में जिम्मेदारी ले कर कालेज चलाने वाले ही नहीं हैं। सिविल एविएशन विभाग के प्रशासक कैप्टन अभय बताते हैं कि नए प्रवेश पर डीजीसीए ने मंजूरी नहीं दी है। कालेज का इतिहास शानदार रहा है। यहां से पास आउट छात्र उत्तरी अमेरिका व यूरोप में संस्थान का नाम रोशन कर रहे हैं, पर दो से ढाई करोड़ रुपये का पे्रशराइज्ड जेट इंजन वाला विमान फीस के तीन लाख रुपये से लाना खासा मुश्किल है।
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