Saturday, 4 June 2011

उत्तराखंड में बेटियों के भरोसे चल रहे 56 कालेज

देहरादून, रविंद्र बड़थ्वाल : उत्तराखंड के दूरदराज और दुर्गम इलाकों के 56 सरकारी डिग्री कालेज छात्राओं के भरोसे चल रहे हैं। जी हां, छात्राएं नहीं आएं तो संसाधनों की कमी से जूझ रहे इन कालेजों के बंद होने की नौबत आ सकती है। इनमें 60 से 82 फीसदी छात्राएं हैं। छात्रों के न टिकने का कारण उनका पलायन है। और यह हो रहा है संसाधनों और रोजगारपरक शिक्षा में पिछड़ेपन के कारण। सुनने में भले ही यह अजीबोगरीब लगे, लेकिन सच्चाई यही है कि सूबे के 80 फीसदी सरकारी डिग्री कालेजों में रौनक छात्राओं के बूते है। यूं तो राज्य के सभी 70 सरकारी अंडर ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री कालेजों में छात्राओं की संख्या छात्रों से ज्यादा है। छात्राओं की संख्या 52706 और छात्रों की संख्या 38716 है। छात्र महज 42 फीसदी तो छात्राएं 58 फीसदी हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक सामान्य वर्ग के साथ ही अनुसूचित जनजाति की छात्राओं की तादाद भी छात्रों से ज्यादा है। अनुसूचित जनजाति के छात्रों की संख्या 41 फीसदी तो छात्राओं की संख्या 59 फीसदी है। अलबत्ता, अनुसूचित जाति के छात्र संख्या के लिहाज से छात्राओं से खासे आगे हैं। इस वर्ग के छात्र 52.3 फीसदी तो छात्राएं 47.7 फीसदी हैं। चिंताजनक पहलू यह है कि मैदानी क्षेत्रों की तुलना में पर्वतीय क्षेत्रों के कालेजों में छात्र और छात्राओं की संख्या में अंतर काफी ज्यादा है। मैदानी क्षेत्रों के 14 कालेजों में छात्र 48 फीसदी और छात्राएं 52 फीसदी हैं। वहीं पर्वतीय क्षेत्रों में छात्राओं की संख्या 60 फीसदी से 80 फीसदी तक है। आंकड़े बयां कर रहे हैं कि पर्वतीय क्षेत्रों से छात्रों का पलायन बड़ी संख्या में हो रहा है। संसाधनों की कमी, शिक्षा की गुणवत्ता और रोजगारपरक शिक्षा में पिछड़ेपन के कारण छात्र टिक नहीं रहे हैं। इस वजह से दूरदराज के छात्रों का जिला मुख्यालयों और शहरों के कालेजों में जमावड़ा बढ़ रहा है। टिहरी जिले के चंद्रबदनी, देवप्रयाग, प्रतापनगर, पौखाल, अगरोड़ा, थत्यूड़, पौड़ी जिले के चौबट्टाखाल, बेदीखाल, नैनीडांडा, रिखणीखाल, सतपुली, चमोली जिले के गैरसैंण, तलवाड़ी, नागनाथ पोखरी, जोशीमठ, कर्णप्रयाग और गोपेश्र्वर, रुद्रप्रयाग जिले के जखोली व अगस्त्यमुनि, उत्तरकाशी जिले के उत्तरकाशी, बड़कोट व चिन्यालीसौड़, देहरादून जिले के चकराता व त्यूणी, नैनीताल जिले के दोषापानी, बागेश्र्वर जिले के कपकोट, कांडा व गरुड़, अल्मोड़ा जिले के रानीखेत, द्वाराहाट, जैंती, चौखुटिया व सोमेश्र्वर, पिथौरागढ जिले के बेरीनाग, नारायणनगर, बलुवाकोट, मुनस्यारी व गंगोलीहाट, चंपावत जिले के लोहाघाट व चंपावत कालेजों में छात्राओं की संख्या 60 से 82 फीसदी है।
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