नीरज श्रीवास्तव, बस्ती जन लोकपाल और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर देश के बुजुर्गो व युवा शक्ति को झकझोर चुकी टीम अन्ना अब बाल मन को आंदोलन के लिए तैयार करने में लग गई है। इंडिया अगेंस्ट करप्शन का एजेंडा बच्चों तक पहुंचाने के लिए टीम अन्ना ने स्कूल की कापियों को संदेश पहुंचाने का हथियार बनाया है। अन्ना के रणनीतिकारों ने अपने अभियान को उस मान्यता से जोड़ कर कि बचपन का ज्ञान किसी भी इंसान के साथ ताउम्र रहता है, नई मुहिम छेड़ी है। इस मुहिम का हथियार है कक्षा आठ से बारह तक के स्कूली छात्रों के बस्तों में रहने वाली कापियां। कापी के कवर पेज पर अन्ना हजारे की शांत मुद्रा में तस्वीर है और लिखा है-हजारे को भारी समर्थन दें। इसके पीछे वाले पन्ने पर अन्ना का जीवन परिचय और उनके संघर्षो का सूक्ष्म विवरण दर्ज है। कापी का बैक पेज काफी दिलचस्प है। यहां बच्चों से जन लोकपाल के लिए संघर्ष करने का आह्वान किया गया है। बैक पेज के अंदर के भाग पर जन लोकपाल बिल व सरकारी लोकपाल बिल की व्याख्या की गई है। इसी कापी में एक अतिरिक्त पेज पर बच्चों को सामान्य ज्ञान की जानकारी दी गई है। यह कापियां न केवल हर घर में अन्ना के संदेश को पहुंचा रही हैं, बल्कि जन लोकपाल व केन्द्र सरकार के लोकपाल बिल के बीच के फर्क को भी उजागर करती हैं। यानी बच्चों के अंतर्मन को झकझोर कर उसे जज की भूमिका में खड़ा किया जा रहा है। बेहद नियोजित ढंग से बाल मन में भ्रष्टाचार के विरुद्ध शुरू इस अभियान का प्रभाव कितना और कैसा पड़ेगा, यह तो भविष्य के गर्भ में है लेकिन शिक्षक और अभिभावकों के बीच इस मुहिम पर चर्चा जरूर शुरू हो गयी है। बाजार में बढ़ी डिमांड : अन्ना हजार की तस्वीर युक्त कापी की बाजार में काफी मांग है। कुछ दुकानदारों ने तो यहां तक कहा कि कापी खरीदने आने वाले बच्चे कम कीमत की कापी खरीदने की बजाए 23 रुपए की इस कापी की ही मांग कर रहे हैं। दुकान में कापी नहीं है तो वह लौट जा रहे हैं। दुकानदार बताते हैं कि अन्ना की कापी एक तो मिल नहीं रही, किसी प्रकार यदि लाई भी जा रही तो हाथोहाथ बिक जा रही है।