Thursday, 6 October 2011

ग्राम वैद्य तैयार करने पर काम शुरू

नई दिल्ली, जाब्यू : गांवों में छोटी-मोटी बीमारियों से लेकर हड्डी जोड़ने और सांप काटे जाने तक के इलाज में पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए ग्राम वैद्य तैयार करने का काम शुरू हो गया है। उन्हें प्रशिक्षित करने के लिए भारतीय गुणवत्ता परिषद और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय ने परंपरागत ज्ञान प्रणाली संबंधी एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। समझौते के मुताबिक दोनों संस्थाएं मिलकर ग्राम वैद्यों को प्रशिक्षण और मान्यता देने का काम करेंगी। दोनों संस्थाएं ग्राम वैद्यों के लिए मानक तैयार करने का काम शुरू कर चुकी हैं। बीमारियों के लिए मानक तैयार किए जा रहे हैं। उनके आधार पर दूरदराज के क्षेत्रों में ग्राम वैद्यों के जरिए चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने की योजना है। शुरुआत में ग्राम वैद्यों की सुविधा हड्डी टूटने, सांप काटने, पीलिया और चर्म रोग का इलाज करेंगे। इस समझौते पर क्यूसीआइ के निदेशक डॉ. अनिल जौहरी और इग्नू के रजिस्ट्रार ने हस्ताक्षर किए। इलाज करने वाले ग्राम वैद्यों को मान्यता देकर इन्हें चिकित्सा की मूल धारा से जोड़ा जाएगा।
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