Wednesday 20 April 2011

बीएड कॉलेज के शिक्षकों पर लटकी तलवार

शिव कुमार, रोहतक महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के बीएड कॉलेजों में नेट (राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा) या पीएचडी शिक्षक लगाने के निर्णय से करीब तीन सौ कॉलेजों में कार्यरत तीन हजार शिक्षकों के रोजगार पर तलवार लटक गई है। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय ने यूनिवर्सिटी से संबद्ध कॉलेजों में बीएड टीचर के लिए जरूरी शैक्षणिक योग्यता में बदलाव किया है। जिसके तहत नेट या पीएचडी उम्मीदवार ही बीएड कॉलेजों में शिक्षक लगेंगे। एमएड, एमफिल उम्मीदवारों को सिरे से नकार दिया गया है। 2009 से पहले लगे एमफिल उम्मीदवारों की नौकरी जरूर बच गई है मगर नए एमफिल, एमएड उम्मीदवारों के रास्ते बंद हो गए। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय से संबद्ध करीब तीन सौ कॉलेजों में 15-20 कॉलेज ही सरकारी या सरकारी सहायता प्राप्त है जबकि अन्य निजी हैं। निजी कॉलेज संचालक एक-दो साल में शिक्षक बदलते रहते हैं। ऐसे में इन कॉलेजों में कार्यरत करीब तीन हजार शिक्षकों के रोजगार पर तलवार लटक गई है। कॉलेज संचालकों के समक्ष भी नेट, पीएचडी उम्मीदवार ढूंढने की समस्या खड़ी हो गई है। कॉलेज संचालकों का कहना है कि एआइसीटीई ने बीएड कॉलेज शिक्षक के लिए अनिवार्य योग्यता, एमफिल एमएड निर्धारित कर रखी है
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