सरकारी स्कूलों में भी कान्वेंट स्कूलों जैसी सुविधाओं को उपलब्ध कराने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। सरकारी स्कूल-कालेजों के विद्यार्थियों को शिक्षा संस्थान तक आने-जाने में किसी तरह की परेशानी न हो इसके लिए अब उन्हें बसों की सुविधा मुहैया कराई जाएगी।
राज्य शिक्षा विभाग की ओर से इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी गई है। एजुकेशन ट्रांसपोर्ट पॉलिसी के लिए मेवात जिले में शुरूआती दौर में यह योजना काफी कामयाब रही है। इसकी सफलता को देखते हुए भविष्य में इसे अन्य जिलों में लागू किया जाएगा। अधिकतर क्षेत्रों में ऐसी समस्या देखने को मिल रही थी कि स्कूल घरों से काफी दूर है, जहां पर पहुंचने के लिए बच्चों का घंटे भर का समय बर्बाद हो जाता था। वहीं कुछ क्षेत्रों में स्कूल जाने के लिए रेलवे लाइन या हाइवे को भी पार कर जाना पड़ता है। जिससे हादसे का खतरा अधिक रहता है। इन्हीं सब समस्याओं को देखते हुए सरकारी स्कूलों में भी बसें आदि चलाए जाने को लेकर ट्रांसपोर्ट पॉलिसी को लागू करने की तैयारी की जा रही है, जिन्हें जल्द ही सभी जिलों में शुरू किया जाएगा।
जहां नहीं खुले सकते संस्थान : इस पॉलिसी के तहत उन्हीं क्षेत्रों के स्कूल कालेजों को परिवहन सुविधा मुहैया कराई जाएगी। जहां पर दूसरा शिक्षण संस्थान खोल पाने की संभावनाएं पूरी तरह से न के बराबर होगी। यदि उस क्षेत्र में दूसरा शिक्षण खोला जा सकेगा तो ऐसे में परिवहन सुविधा स्कूल व कालेज को नहीं मिल पाएगी। चूंकि करोड़ों रुपए की लागत से स्कूल व कालेजों का निर्माण किया जा रहा है। ऐसे में इन शिक्षण संस्थानों में बच्चों की संख्या को बढ़ाने के लिए इस तरह की योजना चलाने का प्रयास किया जा रहा है।
राज्य शिक्षा विभाग की ओर से इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी गई है। एजुकेशन ट्रांसपोर्ट पॉलिसी के लिए मेवात जिले में शुरूआती दौर में यह योजना काफी कामयाब रही है। इसकी सफलता को देखते हुए भविष्य में इसे अन्य जिलों में लागू किया जाएगा। अधिकतर क्षेत्रों में ऐसी समस्या देखने को मिल रही थी कि स्कूल घरों से काफी दूर है, जहां पर पहुंचने के लिए बच्चों का घंटे भर का समय बर्बाद हो जाता था। वहीं कुछ क्षेत्रों में स्कूल जाने के लिए रेलवे लाइन या हाइवे को भी पार कर जाना पड़ता है। जिससे हादसे का खतरा अधिक रहता है। इन्हीं सब समस्याओं को देखते हुए सरकारी स्कूलों में भी बसें आदि चलाए जाने को लेकर ट्रांसपोर्ट पॉलिसी को लागू करने की तैयारी की जा रही है, जिन्हें जल्द ही सभी जिलों में शुरू किया जाएगा।
जहां नहीं खुले सकते संस्थान : इस पॉलिसी के तहत उन्हीं क्षेत्रों के स्कूल कालेजों को परिवहन सुविधा मुहैया कराई जाएगी। जहां पर दूसरा शिक्षण संस्थान खोल पाने की संभावनाएं पूरी तरह से न के बराबर होगी। यदि उस क्षेत्र में दूसरा शिक्षण खोला जा सकेगा तो ऐसे में परिवहन सुविधा स्कूल व कालेज को नहीं मिल पाएगी। चूंकि करोड़ों रुपए की लागत से स्कूल व कालेजों का निर्माण किया जा रहा है। ऐसे में इन शिक्षण संस्थानों में बच्चों की संख्या को बढ़ाने के लिए इस तरह की योजना चलाने का प्रयास किया जा रहा है।