हरियाणा भरती बोर्ड के लिए सीएस की अध्यक्षता में कमेटी गठित
•डा. सुरेंद्र धीमान
चंडीगढ़। हरियाणा में जल्द ही 21 हजार से ज्यादा टीचरों की भरती की जाएगी। इसके लिए पहले टीचर भरती बोर्ड गठित किया जाएगा। बोर्ड में एक चेयरमैन और पांच सदस्य होंगे। मुख्य सचिव उर्वशी गुलाटी की अध्यक्षता में एक सर्च कमेटी गठित की गई है। कमेटी द्वारा चेयरमैन और सदस्यों के चुनाव बाद भरती प्रक्रिया शुरू की जाएगी। अभी तक हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग टीचरों की भरती करता रहा है, लेकिन अब राज्य सरकार आयोग के जरिए टीचर भरती नहीं कराएगी।
छह साल पहले हरियाणा सरकार ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में गेस्ट टीचर को न हटाने के लिए जो दलील दी थी, वही दलील एक साल पहले हाईकोर्ट में भी दोहराई। उसके आधार पर हाईकोर्ट ने जहां 16 हजार गेस्ट टीचर को 31 मार्च 2012 तक काम करने की अनुमति दी, वहीं हरियाणा सरकार से 31 मार्च 2012 तक नियमित टीचर भरती करने के निर्देश दिए थे।
स्कूल शिक्षा महानिदेशक समीर पाल सरो और अतिरिक्त निदेशक डा. सतबीर सैनी के मुताबिक, 15 हजार तो लेक्चरर भरती करने हैं। राइट टु एजूकेशन एक्ट के तहत प्राइमरी टीचर और मास्टर वर्ग के लिए भी छह हजार से ज्यादा टीचर भरती करने हैं।
वर्ष 2006 में राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में दलील दी थी कि नियमित टीचर भरती करने के लिए चयन आयोग को पत्र लिखा गया है और भरती प्रक्रिया जल्द पूरी हो जाएगी। इस आश्वासन पर हाईकोर्ट ने गेस्ट टीचरों को नियमित टीचरों की भरती तक काम पर रहने देने का फैसला सुनाया था। इस बीच शिक्षक पात्रता परीक्षा पास कर चुके योग्य उम्मीदवारों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की, जिस पर सुनवाई के दौरान नौ हजार से ज्यादा टीचर भरती हो चुके थे।
फिर भी, हाईकोर्ट में सरकार ने जवाब दिया कि टीचरों की काफी जरूरत है। राइट टु एजूकेशन एक्ट लागू हो चुका है। अगर गेस्ट टीचर हटाए तो शिक्षा का नुकसान होगा। तब हाईकोर्ट ने नियमित भरती के लिए सरकार से शेड्यूल पूछा। शेड्यूल के मुताबिक, जुलाई 2011 में शिक्षक पात्रता परीक्षा का परिणाम घोषित करने के बाद शिक्षक भरती एजेंसी को रिकवेस्ट भेजने और 31 मार्च 2012 तक भरती प्रक्रिया पूरी होनी है। पात्रता परीक्षा ही चार महीने देरी से हुई। शिक्षक भरती बोर्ड भी गठित नहीं हुआ। इसलिए आगामी 31 मार्च तक नियमित टीचर भरती नहीं हो सकेगी।
•चेयरमैन और पांच सदस्य संभालेंगे बोर्ड का कामकाज