चंडीगढ़। हरियाणा के 16000 गेस्ट टीचर को हटाने या बनाए रखने के हाईकोर्ट के दो फैसलों से असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है। कानूनी विशेषज्ञों की राय भी अलग-अलग है। गेस्ट टीचरों की सेवाएं बनाए रखने के लिए हरियाणा सरकार को फिर हाईकोर्ट की शरण में जाना होगा।
गेस्ट टीचर्स की याचिका पर हाईकोर्ट ने एक फैसला 20 मार्च 2006 को दिया था कि रेगुलर टीचर की भरती पूरी होने तक गेस्ट टीचर काम करते रहेंगे। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में इस फैसले के खिलाफ अपील के माध्यम से चुनौती दी थी। सरकार ने 10 फरवरी को अपील वापस ले ली तो 20 मार्च 2006 का फैसला स्टैंड कर गया है। पात्र शिक्षकों की याचिका पर हाईकोर्ट ने 30 मार्च 2011 को एक अन्य फैसला दे रखा है कि 31 मार्च 2012 के बाद गेस्ट टीचर की सर्विस समाप्त हो जाएंगी। हाईकोर्ट के इन दो फैसलों से असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है।
हाईकोर्ट के सीनियर एडवोकेट सत्यपाल जैन ने कानूनी राय देते हुए कहा, ‘वैसे तो नवीनतम फैसला ही लागू होता है, लेकिन जब अलग-अलग डबल बेंच के अलग-अलग फैसले हों तो बड़ी खंडपीठ के पास उस मामले को भेजा जाता है। जो प्रभावी पक्ष होगा, उसे हाईकोर्ट में जाकर स्थिति स्पष्ट करवानी चाहिए।’
सीनियर एडवोकेट जीके चतरथ ने राय देते हुए कहा, ‘जब सुप्रीम कोर्ट से अपील वापस ले ली गई है तो 20 मार्च 2006 का फैसला लागू हो गया है। जहां तक हाईकोर्ट का 30 मार्च 2011 के फैसले का सवाल है, वह केवल सीमा निर्धारित करता है। सरकार ने अभी तक भरती नहीं की है, इसलिए पुराना फैसला लागू रहेगा। यानी गेस्ट टीचर अपने पदों पर बने रहेंगे। वैसे भी सुप्रीम कोर्ट ने कई बार अन्य फैसलों में कह रखा है कि कच्चे कर्मचारियों को पक्के कर्मचारियों के आने तक नहीं हटाया जा सकता।’
हरियाणा के एडवोकेट जनरल हवा सिंह हुड्डा ने कहा, ‘हमने सुप्रीम कोर्ट से अपील वापस ले ली है तो 2006 का फैसला लागू हो गया है। जहां तक 30 मार्च 2011 के फैसले का सवाल है, वह भी समयबद्ध है, इसलिए हम हाईकोर्ट में एक्सटेंशन देने के लिए आग्रह करेंगे।’
उधर
शिक्षा मंत्री गीता भुक्कलने कहा कि
हाईकोर्ट के दोनों फैसलों को देखते हुए मैं मुख्यमंत्रीजी से बात करूंगी कि आगे क्या करना है। वहीं
हरियाणा अतिथि अध्यापक संघ के प्रधान महासचिव
राजेंद्र शर्मा शास्त्री ने कहा कि
सुप्रीम कोर्ट से अपील वापस लेने के लिए हम मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल का शुक्रिया अदा करते हैं। इससे राज्य के करीब 16000 गेस्ट टीचर को बड़ी राहत मिली है।
•टीचरों की सेवाएं बनाए रखने को सरकार को फिर जाना होगा हाईकोर्ट
•2006 के फैसले में रेगुलर नियुक्ति तक काम करते रहेंगे गेस्ट टीचर