चंडीगढ़, 14 मार्च। हरियाणा के शिक्षा विभाग ने नियमित अध्यापकों के रिक्त पड़े 25 हजार से ज्यादा पदों पर एक साल से भर्ती की मांग कर रहे अध्यापक पात्रता पास उम्मीदवार अब गांधीगीरी पर उतर गए हैं। बुधवार को इन पात्रता परीक्षा पास उम्मीदवारों ने शिक्षा सदन के बाहर पहले बूट पॉलिश की तथा झाड़ू लगाकर विरोध जताया। पात्र अध्यापक के बैनर तले विरोध में उतरे इन पात्रों ने शिक्षा सदन के बाहर अन्ना आंदोलन की तर्ज पर ‘मैं पात्र अध्यापक हूं’ की टोपियां पहन कर बूट पॉलिश कर शिक्षा विभाग को सोचने पर मजबूर किया।
पात्र अध्यापकों ने अतिथि अध्यापकों को हटाने व नियमित भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की एवज में फ्री पढ़ाने के शपथ पत्र भी सौंपे। विरोध प्रदर्शन को संबोधित करते हुए पात्र अध्यापक संघ के प्रदेशाध्यक्ष राजेंद्र शर्मा ने कहा कि सरकार नियमित भर्ती को लेकर ढ़ुलमुल रवैया अपनाए हुए है तथा अतिथि अध्यापकों को सेवारत रखने के लिए हाईकोर्ट के आदेशों तक की अवहेलना करने से बाज नहीं आ रही है।
उन्होंने कहा कि संघ पिछले एक साल से नियमित भर्ती की मांग को लेकर शिक्षा मंत्री व मुख्यमंत्री के दरवाजे खटखटा चुका है परंतु सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही है। यहां तक कि हाईकोर्ट के द्वारा 2 मार्च को सरकार की वह याचिका ठुकरा दिए जाने के बावजूद अभी तक नियमित भर्ती की प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है, जिसमें सरकार ने भर्ती के लिए 6 माह का अतिरिक्त समय दिए जाने की मांग की थी।
संघ की प्रदेश उपाध्यक्षा अर्चना सुहासिनी ने कहा कि सरकार भर्ती करने की बजाय एडिड स्कूलों में लगे अध्यापकों का शिक्षा विभाग में समायोजन कर चोर दरवाजे से पद भरने में लगी हुई है। उन्होंने आशंका जताई कि सरकार अतिथि अध्यापकों के दबाव में नियमित भर्ती को लटकाने के लिए नया पैंतरा खोजने में लगी है। संघ के महासचिव सुनील यादव ने कहा कि अगर सरकार द्वारा 20 मार्च तक नियमित भर्ती का विज्ञापन जारी नहीं किया गया तो प्रदेश के 50 हजार से ज्यादा अध्यापक पात्रता परीक्षा पास उम्मीदवार 25 मार्च को झज्जर में अतिथि हटाओ-पात्र लगाओ महारैली कर संघर्ष का बिगुल बजा देंगे।
पात्र अध्यापकों ने अतिथि अध्यापकों को हटाने व नियमित भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की एवज में फ्री पढ़ाने के शपथ पत्र भी सौंपे। विरोध प्रदर्शन को संबोधित करते हुए पात्र अध्यापक संघ के प्रदेशाध्यक्ष राजेंद्र शर्मा ने कहा कि सरकार नियमित भर्ती को लेकर ढ़ुलमुल रवैया अपनाए हुए है तथा अतिथि अध्यापकों को सेवारत रखने के लिए हाईकोर्ट के आदेशों तक की अवहेलना करने से बाज नहीं आ रही है।
उन्होंने कहा कि संघ पिछले एक साल से नियमित भर्ती की मांग को लेकर शिक्षा मंत्री व मुख्यमंत्री के दरवाजे खटखटा चुका है परंतु सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही है। यहां तक कि हाईकोर्ट के द्वारा 2 मार्च को सरकार की वह याचिका ठुकरा दिए जाने के बावजूद अभी तक नियमित भर्ती की प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है, जिसमें सरकार ने भर्ती के लिए 6 माह का अतिरिक्त समय दिए जाने की मांग की थी।
संघ की प्रदेश उपाध्यक्षा अर्चना सुहासिनी ने कहा कि सरकार भर्ती करने की बजाय एडिड स्कूलों में लगे अध्यापकों का शिक्षा विभाग में समायोजन कर चोर दरवाजे से पद भरने में लगी हुई है। उन्होंने आशंका जताई कि सरकार अतिथि अध्यापकों के दबाव में नियमित भर्ती को लटकाने के लिए नया पैंतरा खोजने में लगी है। संघ के महासचिव सुनील यादव ने कहा कि अगर सरकार द्वारा 20 मार्च तक नियमित भर्ती का विज्ञापन जारी नहीं किया गया तो प्रदेश के 50 हजार से ज्यादा अध्यापक पात्रता परीक्षा पास उम्मीदवार 25 मार्च को झज्जर में अतिथि हटाओ-पात्र लगाओ महारैली कर संघर्ष का बिगुल बजा देंगे।