नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो : टेलीमार्केटिंग कंपनियों के अनचाहे एसएमएस से मोबाइल उपभोक्ता भले ही तंग आ चुके हों, लेकिन केंद्र सरकार यह नहीं जानती कि ग्राहकों के नंबर कंपनियों के पास कैसे पहंुचते हैं? इतना ही नहीं, उपभोक्ताओं के मोबाइल नंबर कंपनियों तक पहंुचने से रोक पाने के मामले में भी उसने हाथ खड़े कर दिए हैं। शुक्रवार को राज्यसभा में सदस्यों ने सरकार के इस जवाब पर काफी शोर मचाया। इस बीच, सरकार सात श्रेणी के अनचाहे व्यावसायिक एसएमएस को रोकने के लिए अगले छह हफ्ते में एक नई सुविधा शुरू करने जा रही है। इसके लिए उपभोक्ताओं को टोल फ्री 1909 नंबर पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। राज्यसभा में प्रश्नकाल में भाजपा के एम वेंकैया नायडू ने सरकार से पूछा कि मोबाइल फोन की कोई डायरेक्टरी प्रकाशित नहीं होती, फिर टेलीमार्केटिंग कंपनियों को उपभोक्ताओं के मोबाइल नंबर कैसे मिल जाते हैं, इस पर संचार मंत्री कपिल सिब्बल का जवाब था, उन कंपनियों को न तो सरकार और न ही संबंधित दूरसंचार सेवा देने वाली कंपनी उपभोक्ताओं के नंबर देती है। टेलीमार्केटिंग कंपनियां खुद के प्रयासों से उन्हें प्राप्त करती हैं। इसलिए इसे रोक पाना मुश्किल है। सरकार के इस जवाब पर भाजपा एवं राजग के दूसरे घटक दलों के सदस्यों ने काफी शोर मचाया, लेकिन सरकार के पास दूसरा जवाब नहीं था। सिब्बल ने शिरोमणि अकाली दल के नरेश गुजराल के एक पूरक प्रश्न के जवाब में सदन को बताया कि मोबाइल पर अनचाहे व्यावसायिक एसएमएस को रोकने के लिए सरकार अगले छह हफ्ते के भीतर एक नई सुविधा शुरू करने जा रही है। उससे मोबाइल उपभोक्ताओं को रीयल एस्टेट, शिक्षा, स्वास्थ्य, उपभोक्ता वस्तुओं, ऑटोमोबाइल, संचार-प्रसारण-मनोरंजन और पर्यटन संबंधी व्यावसायिक एसएमएस से निजात मिल जाएगी। इसके लिए उपभोक्ताओं को नेशनल डू नॉट कॉल रजिस्ट्री 1909 पर एसएमएस भेजकर या फोन करके रजिस्ट्रेशन कराना होगा।