Saturday 9 April 2011

पायलट प्रोजेक्ट : गुरुजी का होगा ऑनलाइन ट्रांसफर

सरकार की ओर से शिक्षा विभाग व स्कूलों की कार्यप्रणाली को बेहतर करने की दिशा में एक और कदम उठाया गया है। इसके तहत अब प्रदेश के विभिन्न जिलों में स्कूल शिक्षकों और अन्य सहायक कर्मचारियों का ट्रांसफर ऑन लाइन किया जाएगा।

विभाग की ओर से इस संबंध में पायलट प्रोजेक्ट की शुरूआत हो चुकी है। पायलट प्रोजेक्ट के लिए प्रदेश के पंचकूला जिले को चुना गया है। जहां ट्रायल के रूप में संबंधित जिले के शिक्षक व अन्य कर्मचारी अपने ट्रांसफर के लिए ऑन लाइन आवेदन कर सकते हैं।

योजना से अम्बाला जिले के 538 प्राइमरी, 135 मिडिल, 79 हाई स्कूल, 75 सीनियर सेकेंडरी सहित लगभग 831 स्कूलों के शिक्षक, प्रिंसिपल व अन्य कर्मचारी इस योजना का लाभ उठा सकेंगे। शिक्षा विभाग के निदेशक की ओर से इस संबंध में सूचना जारी की गई है। इसके तहत पंचकूला जिले के शिक्षक दिनांक 11 अप्रैल से 18 अप्रैल 2011 तक अपने आवेदन विभाग की वेबसाइट पर दे सकते हैं।

सिस्टम में पारदर्शिता बढ़ेगी

ऑन लाइन ट्रांसफर प्रणाली के लागू होने के संबंध में जिले के शिक्षकों ने संतोष व्यक्त किया है। शिक्षकों का मानना है कि ट्रांसफर प्रक्रिया के ऑनलाइन होने से सिस्टम में पारदर्शिता बढ़ेगी। पहले कई साल तक शिक्षकों की फाइलें दबी रहती थी, लेकिन ऑनलाइन होने के बाद किसी की फाइल छिपाने या दबाने की गुंजाइश खत्म हो जाएगी।

ऑन लाइन ट्रांसफर प्रणाली लागू होने के बाद मुझे व्यक्तिगत रूप से लगता है कि सिफारिशों के आधार पर होने वाले ट्रांसफर पर अंकुश लग सकता है। इसके अतिरिक्त सिस्टम में तो निश्चित रूप से पारदर्शिता आएगी। इसके अतिरिक्त विभाग को और अधिक जवाबदेह होना पड़ेगा।
हरदेव सिंह सरो, प्रधान, राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ, अम्बाला

अभी देखो कितना इंतजार है
इस नई प्रणाली को लेकर शिक्षकों का एक वर्ग ऐसा भी है जिसका मानना है कि भले ही इस प्रणाली का ट्रायल पंचकूला में शुरू कर दिया गया, लेकिन इसे पूरे प्रदेश में लागू होने में समय लग सकता है। ट्रायल के बाद क्या खामियां और खूबियां सामने आएंगी यह तो रिपोर्ट के बाद ही पता लगेगा।

शिक्षकों का मानना है कि सरकारी विभाग में अधिकारी इस रिपोर्ट में कब तक और किस प्रकार से काम करते हैं यह बिंदु प्रोजेक्ट के समूचे प्रदेश में लागू होने के बाद ही  पता चलेंगा। 

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