सिरसा, 18 मार्च (निस)। स्थानीय टाउन पार्क में पात्र अध्यापक संघ की एक बैठक आयोजित की गई जिसमें पात्र अध्यापकों ने पूर्व की तरह मुफ्त पढ़ाने के शपथ पत्र जिला प्रधान को सौंपे। बैठक को संबोधित करते हुए जिला प्रधान नानक चंद ने आरोप लगाया कि अतिथि अध्यापकों की नियुक्ति के समय स्कूल के मुखिया और अधिकारियों की मिलीभगत का खेल हुआ है। नानक चंद ने इस मामले में उदाहरण भी दिये। अध्यापक नेता ने बताया कि कुछ अतिथि अध्यापकों तथा अधिकारियों ने तो सरकार द्वारा अतिथि अध्यापकों की नियुक्ति के समय बनाए नियमों की भी धज्जियां उड़ाई हैं। इन अतिथि अध्यापकों की शिकायत उच्च अधिकारियों को दी गई है। यदि इन पर कोई कार्रवाई नहीं होती तो इनके खिलाफ अदालत में मुकदमा चलाया जाएगा।
उन्होंने आरोप लगाया कि विभाग द्वारा 2010 में करवाई गई जांच भी संदेह के घेरे में है। यदि इनकी जांच किसी निष्पक्ष एजेंसी से करवाई जाए तो असलियत सामने आ सकती है।
इस अवसर पर संघ के ब्लाक प्रधान संदीप पारीक ने कहा कि जितना अतिथि अध्यापकों ने सरकारी स्कूलों में छह सालों में किया है उससे अधिक पात्र अध्यापक छह माह में कर सकते हैं। साथ ही उन्होंने पात्र अध्यापकों को झज्जर रैली में बढ़चढ़कर भाग लेने के लिए प्रेरित किया। उपप्रधान कुलदीप पूनिया ने कहा कि सरकार पात्र अध्यापकों को विद्यालयों में न भेजकर मासूम बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ कर रही है क्योंकि जो अतिथि अध्यापक इन बच्चों को पढ़ा रहे हैं वे खुद पात्रता परीक्षा पास करने में सक्षम नहीं हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि विभाग द्वारा 2010 में करवाई गई जांच भी संदेह के घेरे में है। यदि इनकी जांच किसी निष्पक्ष एजेंसी से करवाई जाए तो असलियत सामने आ सकती है।
इस अवसर पर संघ के ब्लाक प्रधान संदीप पारीक ने कहा कि जितना अतिथि अध्यापकों ने सरकारी स्कूलों में छह सालों में किया है उससे अधिक पात्र अध्यापक छह माह में कर सकते हैं। साथ ही उन्होंने पात्र अध्यापकों को झज्जर रैली में बढ़चढ़कर भाग लेने के लिए प्रेरित किया। उपप्रधान कुलदीप पूनिया ने कहा कि सरकार पात्र अध्यापकों को विद्यालयों में न भेजकर मासूम बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ कर रही है क्योंकि जो अतिथि अध्यापक इन बच्चों को पढ़ा रहे हैं वे खुद पात्रता परीक्षा पास करने में सक्षम नहीं हैं।