चंडीगढ़, जागरण संवाददाता : हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (एचएसएससी) ने 2008 में नायब तहसीलदारों की भर्ती प्रक्रिया को पूरी तरह सही बताया है। जवाब से संतुष्ट पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने मामले को एडमिट करते हुए सुनवाई टाल दी। आयोग के सचिव ने कोर्ट में पेश होकर बताया कि भर्ती में किसी भी तरह की धांधली नहीं हुई है, सभी काम नियमों के अनुसार हुआ है और आयोग के पास इसका पूरा रिकॉर्ड मौजूद है। आयोग ने केवल ओएमआर उत्तरपुस्तिका नष्ट की है वह भी नियमों के अनुसार। हाईकोर्ट ने सिलाना (सोनीपत) निवासी सुरेंद्र सिंह की याचिका पर सुनवाई करके भर्ती का रिकॉर्ड व सचिव से जवाब मांगा था। सुरेंद्र सिंह ने याचिका में कहा था कि भर्ती में जमकर धांधली हुई है। याचिकाकर्ता स्वयं इस भर्ती में उम्मीदवार था लेकिन उसका चयन नहीं हुआ। जब उसने सूचना का अधिकार के तहत लिखित परीक्षा व साक्षात्कार के अंक की जानकारी मांगी तो चयन एजेंसी ने उसे जो जानकारी दी उस पर याचिकाकर्ता को शक हुआ। फिर उसने कोर्ट में याचिका दायर कर उत्तर पुस्तिका व चयनित उम्मीदवारों की उत्तरपुस्तिका देखने की मांग की। लेकिन कोर्ट के बार-बार के आदेश पर भी सरकार की तरफ से उत्तरपुस्तिका पेश नहीं की गई। सरकार ने अपनी सफाई में कहा कि भर्ती का पूरा रिकार्ड नष्ट कर दिया गया है। जबकि याचिकाकर्ता ने कोर्ट में कहा कि सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देश के अनुसार परिणाम घोषित होने के कम से कम तीन महीने तक रिकॉर्ड संभाल कर रखना जरूरी है।