प्रियंका दुबे मेहता, गुड़गांव स्कूल एजुकेशन बोर्ड परिषद की 40वीं वार्षिक कॉन्फ्रेंस के दौरान बुधवार को देश विदेश से शिक्षा जगत के दिग्गजों ने यहां शिरकत की। एपी सेंटर में पहली बार आयोजित इस कान्फ्रेंस में विदेशों से आए प्रतिनिधियों ने सीसीई (कांटीनिवस एंड कांप्रीहेंसिव इवैलुएशन) की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह से बेहतरीन प्रतिभाएं निकलेंगी और इस तरह से देश में प्रतिभाओं की कमी नहीं रहेगी। कुछ विदेशी प्रतिनिधियों से इस दौरान बातचीत का मौका मिला। इस बार इस कान्फ्रेंस में हमारे देश ने भी हिस्सा लिया और इसकी वजह यह थी कि यहां की शिक्षा नीतियों को जान सकें तथा शिक्षा के स्तर को और ऊंचा उठाने की दिशा में काम कर सकें। शिक्षा के पैटर्न में काफी डिफरेंस देखने को मिलता है, क्योंकि यहां पांचवीं तक प्राइमरी होती है और हमारे देश में छठी कक्षा तक को प्राइमरी कहते हैं तथा बारहवीं को एचसीएस कहते हैं। महादेव मनोहर (मॉरीशस के अंतरराष्ट्रीय परीक्षा नियंत्रक) हम सभी के यहां आने का एक ही मकसद है कि हम पढ़ाई के बेहतरीन तरीके ईजाद कर सकें। हमारे यहां पढ़ाई बिलकुल अलग तरह से होती है। यहां के शिक्षाविद पढ़ाई को सरल बनाने तथा विद्यार्थियों को हरफनमौला बनाने के लिए प्रयास में लगे हुए हैं। सीसीई का पैटर्न विद्यार्थियों को बेहतरीन प्रतिभा के रूप में विकसित करेगा। ऐन पंटिस (कैंब्रिज, यूके)