बीएसएनएल के ६४ कर्मियों की पदोन्नति रोकी
‘सर्विस रूल के हिसाब से विभागीय पदोन्नति परीक्षा में परीक्षा देने वाले अपने पाठ्यक्रम की किताब ले जा सकते हैं। लेकिन इसमें गाइड का इस्तेमाल तो सामूहिक नकल है।’ सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अल्तमस कबीर, एसएस निज्झर और ज्ञान सुधा मिश्रा की बेंच ने गुरुवार को यह टिप्पणी की। साथ ही अदालत ने कोलकाता हाईकोर्ट का फैसला खारिज करते हुए बीएसएनएल के 66 कर्मचारियों की पदोन्नति रोक दी। इन कर्मचारियों को जूनियर अकाउंट आफिसर के तौर पर पदोन्नति दी जानी थी। इसके लिए उन्होंने 1999 में परीक्षा दी थी। फरवरी में कापी जांचने वालों ने पाया कि उनकी उत्तर पुस्तिकाओं में एक से उत्तर दिए गए हैं। इसके बाद उनकी कापियों का मूल्यांकन नहीं किया गया। जांच के लिए तीन सदस्यीय विशेषज्ञ कमेटी बनाई गई। उसने पाया कि सभी परीक्षार्थी गाइड का इस्तेमाल कर सामूहिक नकल कर रहे थे। परीक्षा हाल में गाइड ले जाने की अनुमति नहीं थी। इस निष्कर्ष के आधार पर सभी की पदोन्नति रोक दी गई। उम्मीदवारों ने अदालत में मुकदमा दायर किया। कोलकाता हाई कोर्ट ने उनके पक्ष में फैसला दिया। इसके खिलाफ बीएसएनएल की ओर से सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई थी।