ओमप्रकाश तिवारी, मुंबई बिहार सरकार ने घोटालेबाज आइएएस की कोठी में स्कूल खोलकर जो राह दिखाई है, पुणे महानगर पालिका भी उसी राह पर चलने जा रही है। महानगर पालिका पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर जोशी के दामाद द्वारा बनाई गई बहुमंजिली इमारत स्कूल चलाने के लिए शुक्रवार को अपने कब्जे में ले लेगी। जोशी के मुख्यमंत्रित्व काल में स्कूल के लिए आरक्षित जमीन नियम विरुद्ध ढंग से उनके दामाद को आवंटित की गयी थी। इसी के चलते जोशी को सीएम की कुर्सी गंवानी पड़ी थी। इस प्रकार भूखंड घोटाले में कुर्सी गंवाने वाले वह महाराष्ट्र के पहले मुख्यमंGी बने थे। महाराष्ट्र की पूर्ववर्ती शिवसेना-भाजपा सरकार के मुखिया मनोहर जोशी ने अपने मुख्यमंत्रित्व काल में पुणे जिले के प्रभात रोड पर स्कूल के लिए आरक्षित भूखंड रिहायशी इमारत बनाने के लिए अपने दामाद गिरीश व्यास को आवंटित करा दिया था। नियम विरुद्ध तरीके से भूखंड का आरक्षण बदले जाने को पुणे के सामाजिक कार्यकर्ता विजय कुम्भार ने मुंबई उच्च न्यायालय में चुनौती दी। मामला उछलने पर शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे के निर्देश पर जोशी ने 31 जनवरी, 1999 को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। मुंबई उच्च न्यायालय ने इस मामले में सुनवाई के बाद 15 मार्च, 1999 को सन डयू अपार्टमेंट नामक इस इमारत को अवैध बताते हुए इसके निर्माताओं की कड़ी आलोचना की। साथ ही भवन निर्माताओं को नियम विरुद्ध छूट देने वाले तत्कालीन महानगर पालिका आयुक्त पर भारी भरकम जुर्माना भी लगा दिया। गिरीश व्यास ने उच्च न्यायालय के फैसले को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी। शीर्ष अदालत ने 12 वर्षो की लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद गत 12 अक्टूबर को इस मामले में अपना फैसला सुनाया। साथ ही सुझाव दिया कि या तो इस इमारत को गिरा दिया जाए अथवा पुणे महानगर पालिका इस इमारत में स्कूल खोल दे। सुप्रीम कोर्ट के सुझावों के मद्देनजर ही महानगर पालिका स्कूल खोलने के लिए 4 नवंबर को इमारत अपने कब्जे में ले लेगी। ज्ञात हो कि आदर्श घोटाले में मुख्यमंत्री अशोक चह्वाण की भी कुर्सी छिनी है।