Thursday 25 August 2011

बस कंडक्टरों की भरती रद ,आरोपों से घिरी भरती प्रकिया पर चंडीगढ़ प्रशासन का फैसला

चंडीगढ़। अन्ना हजारे की भ्रष्टाचार के खिलाफ चलाई गई मुहिम रंग लाई है। चंडीगढ़ प्रशासन ने बस कंडक्टरों की भरती को रद कर दिया है। पिछले साल भरती के बाद से ही यह मामला विवादों में था। चयन प्रक्रिया में घपलेबाजी का आरोप लगाया गया था। भरती प्रक्रिया रद करने के लिए कैट में भी याचिका दायर की गई थी।
प्रशासन अब नए सिरे से भरती करेगा। प्रशासन उन उम्मीदवारों के खिलाफ भी पुलिस में मामले दर्ज कराएगा जिनकी लिखावट में अंतर पाया गया है। सूत्रों का कहना है कि करीब 45 ऐसे उम्मीदवारों पर मामले दर्ज हो सकते हैं। सीएफएसएल की रिपोर्ट के बाद प्रशासन ने यह फैसला किया है। जो लिखावट परीक्षा के पेपर में है, उससे अलग उम्मीदवारों की लिखावट मिली है।
कंडक्टरों की भरती के लिए जनवरी 2010 में विज्ञापन निकाला गया था। प्रशासन ने महिला उम्मीदवारों के आवेदन यह कहते हुए लेने से इनकार कर दिया था कि विज्ञापन में सिर्फ पुरुष उम्मीदवारों से ही आवेदन मांगे गए थे। उसके बाद मई 2010 में कैट में इस फैसले के खिलाफ याचिका दायर की गई थी। कैट ने प्रक्रिया को रद करके नए सिरे से विज्ञापन निकालने और महिलाओं के भी आवेदन लेने के आदेश दिए थे। इसके बाद निकाले गए विज्ञापन में 31 हजार लोगों ने आवेदन किये।
सीएफएसएल रिपोर्ट के बाद फैसला, अब नए सिरे से होगी भर्ती
45 उम्मीदवारों पर दर्ज हो सकता है केस, लिखावट में मिला अंतर
सीबीआई ने 11 लोगों को काबू किया था
चंडीगढ़ प्रशासन ने कंडक्टरों के चयन के लिए पंजाब यूनिवर्सिटी के साथ परीक्षा लेने के लिए समझौते पर दस्तखत किए थे। परीक्षा के दौरान सीबीआई ने तीन सेंटरों पर छापे मारकर 11 उन लोगों को पकड़ लिया था जो असली उम्मीदवारों की जगह पर परीक्षा दे रहे थे। हर उम्मीदवार से उन्होंने दो से तीन लाख रुपये लिए थे। बावजूद इसके फरवरी 2011 में चयन प्रक्रिया पूरी हो गई थी। 144 चयनित उम्मीदवारों की प्रोविजनल सूची जारी की गई थी। आरोप लगाया गया था कि इनमें 139 उम्मीदवार हरियाणा के एक खास इलाके के रहने वाले हैं। इसके बाद प्रशासन ने जांच कमेटी का गठन किया था। चयन प्रक्रिया से जुड़ा सारा रिकार्ड भी सीएफएसएल को पड़ताल के लिए भेजा गया था।
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