पटना, एजेंसी : बिहार सरकार ने राज्य में भ्रष्टाचार का पता लगाने में सहयोग करने वाले को पुरस्कृत करने की योजना बनाई है। बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने मंगलवार को भ्रष्टाचार के खिलाफ राज्य सरकार के संकल्प को दोहराते हुए कहा, भ्रष्ट लोकसेवकों को रिश्वत लेते हुए पकड़वाने, राजस्व के गबन की सूचना देने वाले लोगों के लिए इनाम देने की निगरानी विभाग में योजना चल रही है। इसके तहत अधिकतम 50 हजार रुपये का इनाम देने का प्रावधान है। इसके लागू होने के बाद महाराष्ट्र के बाद बिहार दूसरा राज्य बन जाएगा। मोदी ने यहां पत्रकारों से कहा कि गुप्त सेवा कोष और इनाम कोष का गठन किया गया है जिसके तहत भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वालों को प्रोत्साहित करने का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि यदि कोई नागरिक किसी भ्रष्ट लोकसेवक के खिलाफ आय के ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति जब्त करने की शिकायत करता है तो आरोपपत्र दाखिल होने, घोटाला सामने आने पर न्यूनतम एक हजार रुपये और अधिकतम 50 हजार रुपये का इनाम देने का प्रावधान है। मोदी ने कहा कि इतना ही नहीं सरकार ने जांच अधिकारी की सफल कार्रवाई और विशेष अदालत में मामले के संबंध में सफलतापूर्वक मुकदमा लड़ने वाले लोक अभियोजक को प्रोत्साहन स्वरूप इनाम देने का प्रावधान किया है। उन्होंने यह भी घोषणा की कि इंदिरा आवास योजना में लाभार्थियों को मिलने वाली सहायता राशि मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में बैंक से निकलवाकर गरीबों को दी जाएगी। उन्होंने कहा कि योजना में धोखाधड़ी की शिकायतों के बाद राज्य सरकार ने पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए दंडाधिकारी तैनात करने का निर्णय किया है।