Sunday, 26 June 2011

कम होगी सरकारी नुमाइंदों की अदालती लड़ाई

विभिन्न महकमों में काम करने वाले सरकारी नुमाइंदे अब अनावश्यक रूप से अदालत का दरवाजा नहीं खटखटा सकेंगे। अदालतों में अवांछित मुकद्दमेबाजी कम करने के लिए सख्ती दिखाते हुए सरकार ने स्टेट लिटिगेशन पालिसी के प्रावधानों को कड़ाई से लागू करने के आदेश जारी किए हैं। इसके तहत न केवल कष्ट निवारण प्रणाली अपनाने के निर्देश दिए गए हैं बल्कि विभागीय सहित कई स्तर की कमेटियों के शीघ्र गठन के भी आदेश दिए गए हैं। वैसे तो इस संदर्भ में प्रदेश सरकार के प्रधान सचिव की ओर से पहले भी सभी विभागों के मुखिया को पत्र जारी किए जा चुके हैं, लेकिन हाल में ग्रामीण विकास विभाग ने सभी अतिरिक्त उपायुक्तों को पालिसी के विविध नियमों को सख्ती से लागू करने के आदेश दिए गए हैं। इसमें प्रशासनिक सचिवों की बैठक का हवाला देते हुए कहा गया है कि स्टेट लिटिगेशन पालिसी का दृढ़ता से पालन किया जाए ताकि मुकदमेबाजी कम हो सके। विभाग ने स्पष्ट तौर पर कहा कि नियमों या प्रावधानों को लागू करने के लिए अलग-अलग स्तर पर कमेटियों का गठन किया जाए। यहां बता दें कि विभागीय नीति क्रियान्वयन कमेटी, जिलास्तरीय नीति क्रियान्वयन कमेटी, कष्ट निवारण प्रणाली, लीगल नोडल आफिसर की नियुक्ति व डिस्प्यूट सेटलमेंट कमेटी का विशेष प्रावधान स्टेट लिटिगेशन पालिसी में रखा गया है। नीति के बेहतर क्रियान्वयन के लिए इससे संबंधित तमाम पहलुओं से सरकारी कर्मियों को अच्छी तरह अवगत कराने की दिशा में कदम उठाने के भी निर्देश जारी किए गए हैं। हिसार के अतिरिक्त उपायुक्त अशोक गर्ग कहते हैं कि यहां नीति से संबंधित सभी नियमों का पालन किया गया है। बहरहाल, सरकार की इस नीति के सफल क्रियान्वयन से अदालतों में विवादों का बोझ निश्चय ही कम हो सकेगा।
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