Wednesday 13 April 2011

न्यूनतम वेतन न देने पर चलेगा केस

चंडीगढ़, जागरण ब्यूरो : न्यूनतम वेतन देने में हीलाहवाली करने वाले उद्योगों के लिए बुरी खबर है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने हरियाणा समेत उत्तर भारत के सभी राज्यों को इस मामले में फटकार लगाई है। आयोग का कहना है कि न्यूनतम वेतन न देने वालों को जुर्माना करके छोड़ देना गलत है, उनके खिलाफ अदालती कार्रवाई होनी चाहिए। शनिवार को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने राज्यों के श्रम मंत्रालयों (हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, राजस्थान, जम्मू तथा उत्तर प्रदेश) के साथ बैठक की थी। देशभर में सर्वाधिक न्यूनतम वेतन देने के मामले में हरियाणा को मानवाधिकार आयोग ने सराहा है। राज्य में लगभग 11 हजार छोटे बड़े उद्योग काम कर रहे हैं। कर्मियों के लिए सरकार द्वारा जनवरी 2011 से तय न्यूनतम वेतन में अकुशल मजदूर को 4502.98 रुपये, अर्धकुशल (अ) को 4632.98 रुपये, अर्धकुशल (ब) को 4762.98 रुपये, कुशल (अ) को 4892.98 रुपये, कुशल (ब) को 5022.98 रुपये दिए जाते हैं। अति कुशल श्रेणी के मजदूर को 5152.98 दिए जा रहे हैं। न्यूनतम वेतन की हर पांच साल में समीक्षा होती है तो साल में दो बार महंगाई के इंडेक्स को देखकर इसमें बढ़ोतरी की जाती है। श्रम विभाग के अधिकारी बताते हैं कि इस तरह से मजदूरी अदा कराने का प्रावधान देश के किसी राज्य में नहीं है। लेकिन न्यूनतम वेतन अदा न करने वाले उद्योगों के खिलाफ कार्रवाई करने के मामले में राज्य की स्थिति आयोग को संतुष्ट नहीं करती। राज्य में अभी तक नियम की पालना न करने वाले पर पांच सौ रुपये का जुर्माना करने का प्रावधान है। इस तरह का मामला श्रम न्यायालय में आम तौर पर नहीं पहुंचता। आयोग का मानना है कि पांच सौ रुपये का जुर्माना नियम की पालना को पुख्ता नहीं बनाता। श्रम विभाग के अधिकारी कहते हैं कि भट्ठों पर इस तरह के मामले ज्यादा देखे जा रहे हैं। उनका कहना है कि आयोग इस मामले को केंद्र के समक्ष उठाने जा रहा है। इस संबंध में कोई सख्त कानून बनेगा तभी महकमे के हाथ मजबूत हो सकते हैं। उधर, श्रम मंत्री शिवचरण शर्मा का कहना है कि राज्य में वेतन के लिए चेक प्रणाली को लागू करा दिया गया है। अब वेतन चेक से वितरित कराने के लिए सख्ती से कदम उठाए जा रहे हैं। सरकार व्यवस्था कर रही है कि वेतन वितरण के समय उद्योगों में श्रम विभाग का इंस्पेक्टर मौजूद रहे और इस बात की व्यवस्था करे कि कहीं पर कोई गड़बड़ी तो नहीं चल रही।
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