जागरण ब्यूरो, चंडीगढ़ पंजाब सरकार द्वारा राज्य लोक सेवा आयोग के सदस्यों की नियुक्ति विवादों में आ गई है। लोक सेवा आयोग के चेयरमैन की नियुक्ति पर रोक के बाद अब हाई कोर्ट में एक याचिका दायर हुई है जिसमें चार नए सदस्यों की नियुक्ति पर भी रोक लगाने की मांग की। पीपीएससी चेयरमैन व सदस्यों की नियुक्ति के लिए गठित हाई पावर कमेटी में मुख्यमंत्री, विधानसभा स्पीकर व नेता विपक्ष शामिल होते हैं। इससे पूर्व सर्च कमेटी ने इन चार नामों का प्रस्ताव सरकार को दिया था। सरकार ने इन सदस्यों की नियुक्ति से संबंधित फाइल को नेता विपक्ष र¨जद्र कौर भट्ठल के पास टिप्पणी के लिए भेज दिया था। दायर याचिका में बताया गया है कि नेता विपक्ष ने इन चारों में से पीसीएस अधिकारी नरेंद्र ¨सह सांधा व डा. कुलबीर ¨सह संधू के नामों पर अपनी सहमति दे दी, लेकिन प्रो. अमिता पांडव एवं आर ¨सह के नामों पर अपनी असहमति जता दी थी। नेता विपक्ष द्वारा इन दो नामों पर सहमति जताने के बावजूद सरकार इन चारों को ही पीपीएससी के सदस्य के तौर पर नियुक्त करने जा रही है। जो पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट की फुल बैंच द्वारा पीपीएससी चेयरमैन व सदस्यों की नियुक्ति के लिए जारी किए गए दिशा- निर्देशों का उल्लंघन है। जब हाई पावर कमेटी में नेता विपक्ष शामिल हैं तो उनकी राय का सम्मान किया जाना चाहिए।