Tuesday 13 December 2011

हाईकोर्ट का आदेश : नर्सिंग संस्थानों में ट्रेनिंग की होगी जांच

बाबा फरीद यूनिवर्सिटी आफ हेल्थ साइंस व उससे मान्यता प्राप्त 21 नर्सिंग संस्थानों में दी जा ट्रेनिंग की पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने जांच करने के निर्देश दिए हैं। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई व जस्टिस सूर्यकांत की खंडपीठ ने पीजीआई के निदेशक को इसके लिए विशेषज्ञों की कमेटी गठित कर जांच करने के निर्देश दिए हैं। अदालत ने तीन माह का समय देते हुए मामले पर दो अप्रैल के लिए सुनवाई तय करते हुए रिपोर्ट मांगी है। एक स्वयं सेवी संस्था एहसास की तरफ से दाखिल जनहित याचिका में कहा गया कि नर्सिंग कोर्स के लिए तय सीटों से बीस सीटें ज्यादा भरने की अनुमति दी गई थी लेकिन 218 छात्रों को इस पर दाखिला दे दिया गया। यह दाखिले भी उस समय दिए गए जब परीक्षाएं आरंभ होनी है। ऐसे में तय सीटों से ज्यादा सीटों पर दाखिला देने का मतलब निजी संस्थानों द्वारा भारी भरकम फीस कमाने से है। एक छात्र से इसके लिए डेढ़ से ढाई लाख रुपये वसूले जा रहे हैं जो सरकार द्वारा तय फीस से कहीं ज्यादा है। इस तरह पूरा कोर्स किए बिना ज्यादा फीस लेकर दाखिला दिया जा रहा है। इसका नतीजा यह है कि इन संस्थानों से अनट्रेनड नर्स निकल रही हैं जिन्हें अपने काम की पूरी जानकारी तक नहीं है।
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