कोलकाता, जागरण ब्यूरो : सरकारी कर्मचारियों की नियुक्ति अब स्टाफ सेलेक्शन कमीशन (एसएससी) के जरिए होगी। मंगलवार को इस संबंध में सरकार की ओर से विधानसभा में दि वेस्ट बंगाल स्टाफ सेलेक्शन कमीशन बिल, 2011 पेश किया गया जो गरमा-गरम बहस व मतविभाजन के बाद 47 के मुकाबले 143 मतों से पारित हो गया। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी व संसदीय कार्यमंत्री पार्थ चटर्जी के अनुपस्थित रहने पर जन स्वास्थ्य तकनीकी मंत्री सुब्रत मुखर्जी ने बिल पेश किया। विधेयक पर बहस में पक्ष व विपक्ष के सदस्यों के भाग लेने के बाद मुखर्जी ने अपने जवाबी भाषण में कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सरकारी कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए ठोस व पारदर्शी व्यवस्था की जरूरत समझी। उन्होंने केंद्र की तर्ज पर स्टाफ सेलेक्शन कमीशन गठित करने का निर्णय किया। सरकार के सभी विभाग अपनी जरूरत के अनुसार कर्मचारियों की संख्या का विस्तृत ब्यौरा आयोग को सौपेंगे। जरूरत पड़ने पर आयोग भी संबंधित विभागों से कर्मचारियों की संख्या बल पर तथ्य मांग सकता है। आयोग नियुक्ति के लिए परीक्षा आयोजित करेगा और उत्तीर्ण उम्मीदवारों को विभिन्न विभागों में नियुक्त किया जाएगा। विपक्ष के नेता सूर्यकांत मिश्रा ने पहले से मौजूद पब्लिक सर्विस कमीशन की अनदेखी कर सरकारी कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए स्टाफ सेलेक्शन कमीशन को अमल में लाने पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि इंटरव्यू में आयोग के सदस्य रहेंगे और कर्मचारियों के चयन में दलतंत्र को महत्व मिलेगा। नई व्यवस्था लागू नहीं कर पब्लिक सर्विस कमीशन को विस्तार करने की जरूरत थी जो एक संवैधानिक व स्वायत्त संस्था है। मुख्यमंत्री ने नेताजी इंडोर स्टेडियम में तृणमूल कांग्रेस की सभा में छात्र ब्रिगेड तैयार कर नौकरी देने की घोषणा की थी। छात्र अब एंपलायमेंट एक्सचेंज में नाम नहीं लिखा कर नौकरी के लिए ब्रिगेड में जाएंगे।