Saturday, 10 December 2011

रिश्वत से नौकरी ली तो होगे बेरोजगार

> दलालों पर खुफिया नजर
> उपायुक्त को भी चेताया 
प्रमोद वशिष्ठ, चंडीगढ़ 
हरियाणा के ‘टैलेंट’ के लिए खुशखबरी? अब उनको यह खतरा नहीं रहेगा कि उनकी जगह रिश्वत या अन्य सैटिंग से किसी ने नौकरी ले ली।
पिछले एक पखवाड़े में करीब 25 हजार से ज्यादा नौकरियों के बाद भी बड़ा पिटारा 2012 तक खुल जाएगा। इसमें नई बात यह कि नौकरी दिलाने के लिए दलाली करने वाले मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के निशाने पर रहेंगे, राज्य का खुफिया तंत्र सक्रिय है। साथ ही सभी जिला उपायुक्त भी निगरानी रखेंगे। पता चला है कि 2012 के अंत तक 90 हजार नौकरियों मिल जाएंगी। ये नौकरी अफसर से लेकर चतुर्थ श्रेणी तक हैं। पिछले एक पखवाड़े में करीब 25 हजार पद निकाले जा चुके हैं। बड़ी प्रक्रिया जारी है। विशेष बात यह भी है कि लंबित परिणाम भी ज्यादातर 20 दिसंबर तक आ जाएंगे।

नौकरियों की दौड़ में लगे लाखों युवाओं के सामने बड़ी बात रिश्वत की आती है। इस बार मुख्यमंत्री हुड्डा सख्ती के मूड में हैं। हुड्डा ने साफ कहा है कि रिश्वत लेने व देने वाले दोनों को ठोकेंगे। यह भी कहा है कि टैलेंट युवा अपनी योग्यता से भर्ती होंगे। वह जमाना गया, जब नौकरियों बिकती थी। स्थिति यह है कि अगर कोई रिश्वत देकर नौकरी लगता है और यह साबित हो गया तो दोबारा बेरोजगार हो जाएगा।

हालांकि रिश्वत लेने व देने वाले को जेल भेजने के लिए पहले से ही कानून है, लेकिन हुड्डा इसे सख्त कर पारदर्शिता की बात कह चुके हैं। विशेष रूप से अब इस नए फार्मूले से युवाओं को बड़ा लाभ होगा। रिश्वत लेने वाले की सूचना भी सीधे मुख्यमंत्री से की जा सकती है। ऐसे में नौकरियां टैलेंट पर होंगी।

गौरतलब है कि हरियाणा नौकरियों के बिकने के मामले में बदनाम रहा है। कई मुकदमें अदालतों में भी विचाराधीन हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री हुड्डा का यह नया फार्मूला बड़ा कारगर साबित होगा।
 
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