Tuesday 15 November 2011

टीईटी प्रश्नपत्र बेच रहे दो गिरफ्तार

जागरण ब्यूरो, लखनऊ अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) परीक्षा शुरू होने से पहले क्राइम ब्रांच की टीम ने कैसरबाग क्षेत्र से दो लोगों को हिरासत में लेकर टीईटी में धांधली के राजफाश का दावा किया। डीआइजी डीके ठाकुर के मुताबिक, दोनों ने टीईटी परीक्षा के कई मॉडल पेपर तैयार कर उन्हें असली प्रश्नपत्र बताकर अभ्यर्थियों को बेचा और लाखों रुपये वसूले हैं। इनके पास 16 लाख रुपये भी मिले हैं। आरोपी के कब्जे से बरामद मॉडल पेपरों का बीएसए की मौजूदगी में टीईटी परीक्षा के प्रश्नपत्र से मिलान भी कराया गया, लेकिन दोनों भिन्न निकले। पुलिस अन्य आरोपी की भी तलाश कर रही है। बताया गया कि वह विकासनगर स्थित एक स्कूल में टीईटी परीक्षा में शामिल हुआ है। गिऱफ्तार लोगों में एक शालीमार अपार्टमेंट-9 कैंट रोड, कैसरबाग निवासी व प्रतापगढ़ के मगरौरा, पट्टी प्राथमिक विद्यालय में अध्यापक सत्य बहादुर सिंह है। वहीं दूसरा कल्याणपुर गुडंबा निवासी ठेकेदार अजय कुमार सिंह उर्फ मिंटू है। प्रश्नपत्रों को आउट कर बेचने की सूचना पर क्राइम ब्रांच ने रविवार सुबह छापा मारकर सत्य बहादुर और अजय को गिरफ्तार कर 16 लाख रुपये, कक्षा एक-पांच व कक्षा छह-आठ से संबंधित आठ प्रश्नपत्रों के हल व उत्तर शीट व जीरॉक्स मशीन बरामद की। प्रश्नपत्र सत्य प्रकाश ने तैयार किए थे। सत्य बहादुर से बरामद एक डायरी से पता चला है कि उसने लोगों से दो से पांच लाख रुपये तक वसूले हैं। सत्य बहादुर ने यह प्रश्नपत्र बलिया निवासी मनोज सिंह, इलाहाबाद निवासी विनय सिंह व इरफान, प्रतापगढ़ के इश्तियाक सहित अन्य लोगों को बेचने की बात स्वीकार की है। डीआइजी के मुताबिक, सत्य बहादुर के पास से मिले गणित के प्रश्नपत्र में 30, सामाजिक अध्ययन में 90, बाल विकास व अभिज्ञान में 95, हिंदी में 95, इंग्लिश में 92, उच्च प्राथमिक शिक्षा में 91, बाकी बचे हुए विषयों में 90 व विज्ञान में 75 प्रश्न व उनके उत्तर दिए गए हैं। आरोपी सत्य बहादुर का कहना है कि उसने आठ लाख बैंक से निकाले थे। बाकी आठ लाख दोस्तों से लिए थे। टीईटी के पर्चे के बहाने ठगी करने वालों को जेल महोबा, जागरण संवाददाता : मध्य प्रदेश पुलिस ने टीईटी का पर्चा आउट कराने का झांसा देकर ठगी करने वाले तीन लोगों को जेल भेज दिया है। इन्हें शनिवार शाम परीक्षार्थियों से पैसा लेने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। छतरपुर के डीएसपी डीके राठौर ने बताया कि भरत अहिरवार, योगेश पटेल और राघवेंद्र उत्तर प्रदेश की अध्यापक पात्रता परीक्षा का प्रश्न पत्र आउट कराने का झांसा दे ठग रहे थे। इन्होंने छतरपुर के ही कामता विश्वकर्मा, राजेश त्रिपाठी और महोबा के दिदवारा गांव के अखिलेश व प्रदीप पटेल से 50-50 हजार रुपये में पर्चा देने का सौदा किया था। एक अन्य अभ्यर्थी विकास पचौरी से भी यह लोग 50 हजार रुपये मांग रहे थे। गैंग का सरगना भरत अहिरवार अपने साथी योगेश व राघवेंद्र के साथ इन सभी को झांसी ले जाने की तैयारी में थे। तभी पुलिस ने छापा मार सभी को हिरासत में ले लिया। विकास पचौरी की तहरीर पर देर रात भरत व उसके साथियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया है।
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