Monday, 7 November 2011

क्यों न बढ़ाई जाए कुकर्मी शिक्षक की सजा : हाईकोर्ट

चंडीगढ़, जागरण संवाददाता : ट्यूशन पढ़ाने के दौरान बारह वर्षीय दो छात्रों के साथ कुकर्म करने वाले कलयुगी शिक्षक को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट से निराशा हाथ लगी है। हाई कोर्ट ने उससे पूछा है कि क्यों न उसकी सजा बढ़ा दी जाए? अगली सुनवाई 6 दिसंबर को होगी। मालूम हो कि वर्ष 2006 में रोहतक के सांघी गांव का रमेश अपने घर पर ही बच्चों को ट्यूशन पढ़ाता था। शिक्षक ने 12 वर्षीय दो छात्रों रवि व रमेश के साथ दुराचार किया। रोहतक के ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट फस्ट क्लास ने जुलाई 2007 को शिक्षक को दोषी करार देते हुए तीन वर्ष का कठोर कारावास व 900 रुपये जुर्माना सुनाया था। बाद में एपिलेट कोर्ट ने भी 16 जुलाई 2011 को यह सजा बरकरार रखी। अब सजा को कम करने के लिए उसने हाईकोर्ट में अपील की। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के जस्टिस आलोक ¨सह ने सुनवाई के दौरान कहा कि जो शिक्षक अपने ही दो नाबालिग छात्रों से दुराचार करने का दोषी पाया गया, किसी भी हालत में माफी के योग्य नहीं है।
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