मोहन भारद्वाज, हिसार पीयर-ऐजुकेटर का पद भले ही सुनने में नया व बड़ा लगता हो, परंतु इस इस पद के लिए एक माह का मानदेय मात्र 100 रुपये है। यह आपको को सुनने में भले ही अजीब लगे, पर है सौ टका सच। जी हां प्रदेश स्वास्थ्य विभाग प्रदेश के किशोरों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के लिए इसी दिशा में कार्य कर रहा है। विभाग ने प्रदेश में प्रत्येक एक हजार किशोरों के लिए दो पीयर ऐजुकेटर (एक किशोर, एक किशोरी) को नियुक्ति देने का कार्यक्रम बनाया है। जिन्हें न केवल किशार-किशोरियों को जागरूक करना होगा, बल्कि किसी प्रकार की समस्या पाए जाने पर उपचार के लिए उन्हें सीएचसी लेवल से जिला सामान्य अस्पताल तक भी पहुंचाना होगा। यह पढ़ने में भले ही आपको को आश्चर्यजनक लगे, परंतु स्वास्थ्य विभाग अर्श (एंडोलसेंट रिर्पोटिंग एवं सेक्सुअल हेल्थ) के तहत इसे हकीकत का रुप देने की कवायद में जुटा हुआ है, बल्कि उसे इसमें सफलता भी मिल रही है। प्रदेश स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश में 10 से 18 वर्ष के लड़कों व लड़कियों को अपने खान-पान, डिप्रेशन, सामान्य बीमारी तथा सेक्स संबंधि समस्याओं के प्रति जागरूक करने के लिए प्रत्येक एक हजार की किशोरों की संख्या पर दो पीयर ऐजुकेटर नियुक्त करने का निर्णय लिया है। 100 रुपये मानदेय के पीयर ऐजुकेटर माह में एक बार अपने-आसपास के किशार-किशोरियों के साथ सामूहिक बैठक करेंगे। बैठक में उनके सामने आ रही समस्याओं पर विचार-विर्मश के अलावा उन्हें स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जाएगा। बैठक में मुख्य रूप से खान-पान के अलावा सामान्य बीमारियों के साथ-साथ डिप्रेशन तथा सेक्स संबंधि समस्याओं पर जोर रहेगा। इस दौरान किशोरों में सामने आने वाली समस्याओं के निपटारे के लिए पीएचसी में भेजा जाएगा। वहां किसी प्रकार की राहत नहीं मिलने पर उन्हें जिला सामान्य अस्पताल में भेजा जाएगा। जहां चिकित्सकों की स्पेशल टीम द्वारा किशोर-किशोरी की समस्याओं पर गहनता से मंथन कर उन्हें दूर करने का प्रयास किया जाएगा। विभाग अपने पीयर ऐजुकेटरों को नियुक्ति के बाद किशोरों के बीच भेजने के लिए ट्रेनिंग भी देगा।