Wednesday 12 October 2011

देवियों की जय, तीन को शांति का नोबेल

ओस्लो, एजेंसियां : महिलाओं के अधिकार विश्व शांति के लिए अहम हैं। नोबेल समिति ने शुक्रवार को यह कहते हुए वर्ष 2011 का नोबेल शांति पुरस्कार संयुक्त रूप से तीन महिलाओं को देने की घोषणा की। इनमें लाइबेरिया की राष्ट्रपति एलेन जॉनसन सरलीफ, लाइबेरिया की ही सामाजिक कार्यकर्ता लेमाह गबोवी और गृहयुद्ध व आतंकवाद से जूझ रहीं यमन की तवाक्कुल करमान शामिल हैं। तीनों को यह पुरस्कार गृहयुद्ध के दौरान महिलाओं की सुरक्षा और अधिकारों के लिए उनके अहिंसक संघर्ष के लिए दिया जा रहा है। सरलीफ (72) किसी अफ्रीकी देश की पहली निर्वाचित महिला राष्ट्रपति हैं। वह 2006 में लाइबेरिया की राष्ट्रपति बनी थीं। उन्होंने देश में शांति कायम करने, देश की आर्थिक व सामाजिक स्थिति मजबूत बनाने और महिलाओं को उनके अधिकार दिलाने में अहम योगदान दिया। इसी तरह लेमाह (39) ने लाइबेरिया में गृह युद्ध के दौरान महिलाओं के हक की लड़ाई लड़ी। उन्होंने लंबे समय से जारी संघर्ष के खात्मे और चुनाव में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित कराने के लिए सभी जाति व धर्म की महिलाओं को एकजुट होकर लड़ने के लिए प्रेरित किया। पेशे से पत्रकार 32 वर्षीय करमान को यमन में गृहयुद्ध के दौरान कुछ समय तक जेल में भी रहना पड़ा।
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