सुभाष पंवार, सिवानी मंडी (हिसार) जिस परिवार का शख्स देश में जन लोकपाल बिल लागू कराने की लड़ाई लड़ रहा हो और उसका साथ करोड़ों लोग दे रहे हों भला उस परिवार की सदस्य को क्या मुश्किल हो सकती है। पर यहां ऐसा नहीं है, हकीकत कुछ और ही है। अन्ना की टीम के अहम सदस्य अरविंद केजरीवाल की चाची छह माह से बुढ़ापा पेंशन के लिए भटक रही हैं। ऐसा नहीं है कि उन्होंने संबंधित अधिकारियों को इस बारे में अवगत न कराया हो लेकिन उनकी कहीं सुनवाई नहीं हो रही। उन्हें केवल यही जवाब मिलता है कि जब भी विभाग से आएगी पेंशन मिल जाएगी पेंशन कहीं भागी थोडे़ ही जा रही है। कोई तकनीकी खराबी आ गई होगी। जल्द मिल जाएगी। ये बात सुनते-सुनते अरविंद केजरीवाल की चाची राम दुलारी के कान पक चुके हैं। ये अलग बात है कि उसने किसी से ये नहीं कहा कि वो जन लोकपाल लाने की जंग लड़ रहे अरविंद केजरीवाल की चाची हैं। दरअसल अनाज मंडी में अरविंद के तीन चाचा रहते हैं जिसमें उनकी एक चाची राम दुलारी भी हैं। राम दुलारी समाज कल्याण विभाग से बुढ़ापा पेंशन प्राप्त करती हैं, पति कई सालों से बीमार हैं। समाज कल्याण विभाग द्वारा शहरी क्षेत्रों में पेंशन वितरण का कार्य नगरपालिका को सौंपा हुआ था। सरकार ने इसमें परिवर्तन करते हुए पेंशन का कार्य निजी बैंक को सौंप दिया और बैंक ने ये कार्य फिनो कंपनी को ठेके पर दे दिया। राम दुलारी बताती हैं कि उसे मार्च 2011 से लेकर अभी तक की बुढ़ापा पेंशन नहीं मिली है। उन्होंने नगरपालिका कार्यालय के सैकड़ों चक्कर लगा डाले वहीं प्रशासन से भी कई बार गुहार लगाई। यहां तक वे एसडीएम से भी मिली परंतु उनको केवल आश्वासन ही मिला है। एसडीएम मांगेराम ने बताया कि पेंशन वितरण के कार्यक्रम में फेरबदल होने के कारण व कुछ तकनीकी परेशानी होने से पेंशन में देरी हो रही है। पेंशन को लेकर राम दुलारी उनसे मिली हैं और उन्होंने उनको पूरा भरोसा दिलाया है कि दो-चार दिन में उनको पेंशन मिल जाएगी।