Thursday 25 August 2011

बयान से पलट गए संजीव कौशल

जेबीटी भर्ती घोटाला : कोर्ट में कहा, मैंने कोई निर्देश नहीं दिए
पूर्व मुख्यमंत्री सहित ५७ पर तय हो चुके हैं आरोप
रोहिणी की विशेष अदालत ने २३ जुलाई को ओमप्रकाश चौटाला, उनके बेटे अजय चौटाला, दो पूर्व सहयोगियों विद्या धर और शेर सिंह बड़शामी, निलंबित आईएएस अधिकारी संजीव कुमार समेत कुल ५७ लोगों के खिलाफ आरोप निर्धारित किए थे। सभी पर आपराधिक षड्यंत्र, धोखाधड़ी व भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत आरोप तय किए गए। अदालत ने बृजमोहन नामक आरोपी को आरोप मुक्त कर दिया था, जबकि तीन अन्य की सुनवाई के दौरान मौत हो चुकी है। बता दें कि इन पर अक्टूबर २००० में फर्जी तरीके से ३२०६ टीचर्स की भर्ती करने का आरोप है।
जेबीटी टीचर्स भर्ती घोटाला मामले में सरकारी गवाह बने हरियाणा कैडर के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी संजीव कौशल पूर्व में दिए गए अपने बयानों से पलट गए। संजीव ने इस बात से इनकार कर दिया कि उन्होंने अपने वरिष्ठ सचिव शादीलाल कपूर के जरिए सभी जिलों के प्राथमिक शिक्षा अधिकारियों को १ सितंबर २००० को आवश्यक कार्य के लिए दिल्ली पहुंचने का निर्देश दिया था।

संजीव ने विशेष अदालत में दिए बयान में कहा कि वर्ष २००० में वे मुख्यमंत्री चौटाला के अतिरिक्त प्रधान सचिव और निदेशक (जनसंपर्क) के पद पर तैनात थे। इस दौरान उनके साथ शादीलाल कपूर वरिष्ठ सचिव के तौर पर काम कर रहे थे। न्यायाधीश द्वारा संजीव से यह पूछे जाने पर की क्या उन्होंने शादीलाल कपूर को ३० अगस्त २००० को जींद के प्राथमिक शिक्षा अधिकारी को आवश्यक कार्य के लिए दिल्ली पहुंचने का संदेश दिए जाने के निर्देश दिए थे ? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि ‘मुझे याद नहीं कि मैंने तब शादीलाल को ऐसा संदेश देने को कहा। न्यायाधीश ने उनसे पूछा कि यह सही है कि आपके वरिष्ठ सचिव होने के नाते शादीलाल को आपकी तरफ से यह संदेश दिए जाने के लिए कहा गया था? संजीव ने कहा कि साधारणतया हां, लेकिन मुख्यमंत्री कार्यालय में मुझसे कोई भी वरिष्ठ इस तरह के निर्देशों को दे सकता था। उन्होंने शादीलाल कपूर को किसी भी जिले के प्राथमिक शिक्षा अधिकारियों को दिल्ली पहुंचने का संदेश पहुंचाने के निर्देश नहीं दिए थे। उल्लेखनीय है कि ४ जुलाई २००५ को संजीव ने कहा था कि ‘उन्होंने ही सीएम चौटाला की तरफ से मिले निर्देशों पर शादीलाल कपूर को जींद के जिला प्राथमिक शिक्षा अधिकारी को यह निर्देश दिए जाने के लिए कहा था।’
 
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