इलाहाबाद : माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा 13 नवंबर को आयोजित शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) का परिणाम शुक्रवार रात 9.30 बजे घोषित कर दिया गया। प्राथमिक स्तर के शिक्षकों के लिए हुई परीक्षा में 93.3 प्रतिशत (140/150) अंक पाकर संयुक्त रूप से कानपुर के उमेश गुप्ता, वाराणसी की मीनू राना व श्रवण कुमार ने टॉप किया है। इसी तरह से उच्च प्राथमिक स्तर में 86 प्रतिशत (129/150) अंक पाकर लखनऊ की शिल्पी अग्रवाल, मेरठ के दीपक तोमर व गोरखपुर की वंदना मिश्रा ने टॉप किया है। प्राथमिक स्तर का परीक्षा परिणाम 45.59 प्रतिशत, जबकि उच्च प्राथमिक का 40.37 प्रतिशत रहा है। यूपीटीईटी में न्यूनतम 60 प्रतिशत अंक हासिल करने वाले अभ्यर्थी सफल रहे हैं। अभ्यर्थी परीक्षा परिणाम यूपीटीईटी 2011.कॉम पर देख सकते हैं। प्राथमिक स्तर में कुल 5,94,053 अभ्यर्थी परीक्षा में शरीक हुए थे, जिसमें से 2,70,806 अभ्यर्थी सफल घोषित किए गए हैं। इसी तरह उच्च प्राथमिक में कुल 5,19,665 अभ्यर्थियों ने परीक्षा में भाग लिया था, जिसमें से 2,09,789 अभ्यर्थी सफल हुए हैं। गौरतलब है कि प्रदेश के 1831 केंद्रों पर 13 नवंबर को एक ही दिन दो पालियों में हुई इस परीक्षा में लगभग 12 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। रिजेक्ट लिस्ट भी जारी माध्यमिक शिक्षा परिषद ने शिक्षक पात्रता परीक्षा में जिन अभ्यर्थियों के आवेदन विभिन्न कारणों से रिजेक्ट कर दिए गए हैं, उनकी भी डिटेल वेबसाइट पर अपलोड कर दी है। अभ्यर्थी अपने अनुक्रमांक से आवेदन रिजेक्ट होने के कारणों को जान सकते हैं।
चार बार संशोधित हुई उत्तर माला
माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) में उत्तरमाला चार बार संशोधित की गई। यह अपने आप में एक रिकार्ड है। घोषणा के मुताबिक 14 नवंबर को उत्तर माला भी जारी कर दी गई। इसमें से एक संशोधन के बारे में तो अभ्यर्थियों को वेबसाइट पर जानकारी दी गई, पर बाकी तीन संशोधन गुपचुप तरीके से कर दिए गए। माध्यमिक शिक्षा परिषद ने उच्च प्राथमिक के सी बुकलेट कोड में 15 व 21 नंबर पर पूछे गए प्रश्नों के विकल्पों को संशोधित कर लिया गया है। अब 15 का उत्तर सी व 21 का उत्तर भी सी कर दिया गया है। इससे पूर्व बोर्ड ने 31, 57, 76, 89 व 92 को संशोधित किया था। इसके अलावा 150 नंबर पर पूछे गए प्रश्न को गलत मानते हुए हटा दिया गया था। हंगामाखेज रही परीक्षा इससे पूर्व प्रवेश पत्रों में भी काफी हंगामा हुआ। किसी को एक किसी को एक भी नहीं, तो किसी को दोनों प्राथमिक तो किसी को दोनों उच्च प्राथमिक के प्रवेश पत्र जारी हो गए। अरे भई जारी हो गए तो क्या बला हो गई। इतनी बड़ी परीक्षा कराना कोई मजाक थोड़े ही है। बोर्ड के बड़े अधिकारियों का तर्क। खैर, प्रदेश के सभी मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशकों को उनके महकमे के साथ इस बड़े काम में लगा दिया गया। अभ्यर्थियों का क्या, अचानक मधुमक्खियों की तरह जेडी कार्यालयों पर मंडराने लगे। अवांछित भीड़ देखकर साहब का माथा ठनक गया। हालात यह रहे कि परीक्षा के एक दिन पहले तक देर रात प्रवेश पत्र बांटे गए। खैर, कुछ को प्रवेश पत्र मिला, कुछ हिम्मत हारकर घर बैठ गए। अफवाहों का बाजार रहा गर्म परीक्षा नजदीक आ गई। इन सबसे निजात मिली तो पेपर आउट होने का शिगूफा। निदेशक को स्पष्टीकरण देना पड़ा, कि पेपर डबल लॉक में सुरक्षित है। चिंता की कोई बात नहीं। परीक्षा भी तय समय पर हो गई। अब परिणाम की बारी। बोर्ड कार्यालय पर शुक्रवार को भी आपत्तियां मिलीं। उर्दू की आपत्तियां तो संशोधित ही नहीं हो सकीं। परिणाम को लेकर रही उत्सुकता माध्यमिक शिक्षा परिषद के निदेशक संजय मोहन ने शुक्रवार को शाम 7 बजे तक परिणाम आने को कहा था। परिणाम तय समय के करीब ढाई घंटे बाद आया। इस दौरान अभ्यर्थियों में परिणाम जानने को लेकर उत्सुकता रही। देर रात अभ्यर्थियों की साइबर कैफे में भीड़ लगी रही।