एक नंबर की कमी के चलते पास होने से रहे पात्रता परीक्षा वाले बोर्ड से लगा रहे हैं ग्रेस माक्र्स की उम्मीद, ऊर्जा के परंपरागत साधन के सवाल पर टिकी है परीक्षार्थियों की आस
धर्मेंद्र कंवारी,भिवानी
ऊर्जा का कौन सा साधन परंपरागत है? 1. सौर ऊर्जा 2. पवन ऊर्जा 3. ज्वारीय ऊर्जा 4. भू तापीय ऊर्जा। बस इस एक सवाल पर जेबीटी पास भविष्य के गुरुओं की उम्मीद टिकी है। प्रदेशभर के करीब 3000 जेबीटी परीक्षार्थी ऐसे हैं, जिनकी जेबीटी की पात्रता परीक्षा में गाड़ी 89 नंबर पर आकर अटक गई। बोर्ड विश्लेषण कर इस सवाल के चारों ऑप्शन को गलत पाता है तो इन्हें 1 नंबर की ग्रेस मिल सकती है और ये लोग भी नौकरी की लाइन में आकर खड़े हो सकते हैं। बोर्ड का कहना है कि एक्सपर्ट के अनुसार सवाल सही है लेकिन 89 पर अटके परीक्षार्थी बोर्ड सचिव से मिलकर ग्रेस देने की मांग करने की तैयारी में हैं।
साइंस के जानकारों का भी मानना है कि पात्रता परीक्षा में पूछे गए इस सवाल के चारों ही ऑप्शन गलत हैं और इसका सही उत्तर कोयला, पेट्रोलियम या जल विद्युत होना चाहिए था। जेबीटी पात्रता परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों का कहना है कि बोर्ड की पहली से छठी तक की पात्रता परीक्षा में एक और बड़ी गड़बड़ी थी। इस वर्ग में कुल पांच भागों में प्रश्नपत्र था। 5वां भाग पर्यावरण विज्ञान का था लेकिन बोर्ड ने इसमें इतिहास व राजनीति से संबंधित प्रश्न भी पूछ रखे थे। इन सवालों की संख्या 6 थी इसलिए 1 या दो नंबर से पास होने से रहने परीक्षार्थी बोर्ड से ग्रेस माक्र्स की मांग कर रहे हैं।
विशेषज्ञों की राय जुदा
बोर्ड के इस सवाल के जवाब में विशेषज्ञों का मानना है कि ये चारों ही ऑप्शन गलत हैं क्योंकि ये सभी ऊर्जा के गैर परंपरागत स्रोत हैं। विकिपीडिया के अनुसार भी सौर ऊर्जा, पवन उर्जा, ज्वारीय ऊर्जा और भूतापीय ऊर्जा गैर परंपरागत स्रोत हैं। प्रतियोगिता परीक्षाओं की पुस्तक टाटा मेग्राहिल की सामान्य विज्ञान में भी इस सवाल का जवाब दिया गया है।
पुस्तक के अनुसार सौर, पवन, भूतापीय, महानगरीय, लहरों, हाइड्रोजन तथा बायोमास आदि ऊर्जा के गैर परंपरागत स्रोत हैं। ऊर्जा के ये सभी गैर परंपरागत स्रोत नवीनीकरण हैं। इसके विपरीत ऊर्जा के परंपरागत स्रोत कोयला, पेट्रोलियम आदि हैं। प्रातियोगिता परीक्षाओं की तैयारी करवाने वाले विजेंद्र यादव कहा कहना है कि-साइंस की किसी भी पुस्तक में आप ऊर्जा के परंपरागत और गैर परंपरागत स्रोत को देख सकते हैं।
जेबीटी की पात्रता परीक्षा में पूछा गए सवाल के चारों ऑप्शन गलत थे इसलिए ऐसे लोगों को कम से कम एक नंबर की ग्रेस तो मिलनी चाहिए। 1 नंबर से पीछे रही पुलिस लाइन की रेणुका और बबली और कंवारी गांव की सविता भी जेबीटी की पात्रता परीक्षा में 1 नंबर से रह गईं। दोनों का कहना है कि यह ऑप्शन गलत है और बोर्ड को एक नंबर की ग्रेस जरूर देनी चाहिए। हम बोर्ड सचिव से मिलकर इसकी मांग रखेंगे।
मीनाक्षी शारदा, बोर्ड प्रवक्ता
॥जेबीटी का ऊर्जा से संबंधित सवाल किसी भी एक्सपर्ट से जांच करवा लें चारों ऑप्शन गलत हैं। बोर्ड सचिव को मैंने यह मांग रखी है और हम फिर से भी मुलाकात करने वाले हैं। इसके अलावा भी पर्यावरण विज्ञान के सेक्शन में राजनीति और इतिहास के सवालों पूछे गए और इस सेक्शन में भी हम कम से कम पांच नंबरों के ग्रेस की मांग कर रहे हैं।
राजेश शर्मा, अध्यक्ष, पात्रता अध्यापक संघ
धर्मेंद्र कंवारी,भिवानी
ऊर्जा का कौन सा साधन परंपरागत है? 1. सौर ऊर्जा 2. पवन ऊर्जा 3. ज्वारीय ऊर्जा 4. भू तापीय ऊर्जा। बस इस एक सवाल पर जेबीटी पास भविष्य के गुरुओं की उम्मीद टिकी है। प्रदेशभर के करीब 3000 जेबीटी परीक्षार्थी ऐसे हैं, जिनकी जेबीटी की पात्रता परीक्षा में गाड़ी 89 नंबर पर आकर अटक गई। बोर्ड विश्लेषण कर इस सवाल के चारों ऑप्शन को गलत पाता है तो इन्हें 1 नंबर की ग्रेस मिल सकती है और ये लोग भी नौकरी की लाइन में आकर खड़े हो सकते हैं। बोर्ड का कहना है कि एक्सपर्ट के अनुसार सवाल सही है लेकिन 89 पर अटके परीक्षार्थी बोर्ड सचिव से मिलकर ग्रेस देने की मांग करने की तैयारी में हैं।
साइंस के जानकारों का भी मानना है कि पात्रता परीक्षा में पूछे गए इस सवाल के चारों ही ऑप्शन गलत हैं और इसका सही उत्तर कोयला, पेट्रोलियम या जल विद्युत होना चाहिए था। जेबीटी पात्रता परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों का कहना है कि बोर्ड की पहली से छठी तक की पात्रता परीक्षा में एक और बड़ी गड़बड़ी थी। इस वर्ग में कुल पांच भागों में प्रश्नपत्र था। 5वां भाग पर्यावरण विज्ञान का था लेकिन बोर्ड ने इसमें इतिहास व राजनीति से संबंधित प्रश्न भी पूछ रखे थे। इन सवालों की संख्या 6 थी इसलिए 1 या दो नंबर से पास होने से रहने परीक्षार्थी बोर्ड से ग्रेस माक्र्स की मांग कर रहे हैं।
विशेषज्ञों की राय जुदा
बोर्ड के इस सवाल के जवाब में विशेषज्ञों का मानना है कि ये चारों ही ऑप्शन गलत हैं क्योंकि ये सभी ऊर्जा के गैर परंपरागत स्रोत हैं। विकिपीडिया के अनुसार भी सौर ऊर्जा, पवन उर्जा, ज्वारीय ऊर्जा और भूतापीय ऊर्जा गैर परंपरागत स्रोत हैं। प्रतियोगिता परीक्षाओं की पुस्तक टाटा मेग्राहिल की सामान्य विज्ञान में भी इस सवाल का जवाब दिया गया है।
पुस्तक के अनुसार सौर, पवन, भूतापीय, महानगरीय, लहरों, हाइड्रोजन तथा बायोमास आदि ऊर्जा के गैर परंपरागत स्रोत हैं। ऊर्जा के ये सभी गैर परंपरागत स्रोत नवीनीकरण हैं। इसके विपरीत ऊर्जा के परंपरागत स्रोत कोयला, पेट्रोलियम आदि हैं। प्रातियोगिता परीक्षाओं की तैयारी करवाने वाले विजेंद्र यादव कहा कहना है कि-साइंस की किसी भी पुस्तक में आप ऊर्जा के परंपरागत और गैर परंपरागत स्रोत को देख सकते हैं।
जेबीटी की पात्रता परीक्षा में पूछा गए सवाल के चारों ऑप्शन गलत थे इसलिए ऐसे लोगों को कम से कम एक नंबर की ग्रेस तो मिलनी चाहिए। 1 नंबर से पीछे रही पुलिस लाइन की रेणुका और बबली और कंवारी गांव की सविता भी जेबीटी की पात्रता परीक्षा में 1 नंबर से रह गईं। दोनों का कहना है कि यह ऑप्शन गलत है और बोर्ड को एक नंबर की ग्रेस जरूर देनी चाहिए। हम बोर्ड सचिव से मिलकर इसकी मांग रखेंगे।
विषय विशेषज्ञ को नहीं मिली कोई गलती
॥बोर्डअधिकारियों ने सबजेक्ट एक्सपर्ट बुलाकर जांच कराई है। एक्सपर्ट ने न केवल ऊर्जा वाले सवाल की बल्कि तमाम सवालों की गहनता से जांच की और किसी प्रकार की गलती या गड़बड़ी को नहीं पाया। जब गलती ही नहीं है तो फिर कैसे ग्रेस माक्र्स दिए जा सकते हैं। जेबीटी के लिए पात्रता परीक्षा देने वाले लोगों को ग्रेस देने की जानकारी फिलहाल मुझे नहीं है।मीनाक्षी शारदा, बोर्ड प्रवक्ता
॥जेबीटी का ऊर्जा से संबंधित सवाल किसी भी एक्सपर्ट से जांच करवा लें चारों ऑप्शन गलत हैं। बोर्ड सचिव को मैंने यह मांग रखी है और हम फिर से भी मुलाकात करने वाले हैं। इसके अलावा भी पर्यावरण विज्ञान के सेक्शन में राजनीति और इतिहास के सवालों पूछे गए और इस सेक्शन में भी हम कम से कम पांच नंबरों के ग्रेस की मांग कर रहे हैं।
राजेश शर्मा, अध्यक्ष, पात्रता अध्यापक संघ