Wednesday 15 June 2011

फर्जी एजूकेशन बोर्ड का भंडाफोड़, चार धरे

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली
उत्तरी जिले के आपरेशन सेल ने बगैर किसी रजिस्ट्रेशन के फर्जी एजूकेशन बोर्ड चलाने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने संचालक सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपी अखबारों में बगैर परीक्षा दिए 10वीं व 12वीं पास करने का विज्ञापन देकर लोगों को ठगते थे। बोर्ड ऑफ हाईयर सेकेंडरी एजूकेशन नाम के फर्जी बोर्ड की उन्होंने वेबसाइट भी बना रखी थी। इसके अलावा उन्होंने 330 स्कूलों को भी सर्टिफिकेट जारी करने के लिए फ्रेंचाइजी दे रखी थी। ये स्कूल देशभर के हैं, लेकिन अधिकांश उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के दूर-दराज के ग्रामीण क्षेत्रों के हैं। पुलिस के मुताबिक आरोपी अब तक हजारों लोगों को लाखों का चूना लगा चुके हैं। बोर्ड का संचालक कई चुनाव भी लड़ चुका है। आरोपियों की पहचान संचालक मांगे राम आचार्य उर्फ मनीष प्रताप (46), दिलीप कुमार शुक्ला (42), मनोज कुमार मिश्रा (31) तथा धर्मजीत सिंह (21) के रूप में हुई है। उत्तरी जिला पुलिस उपायुक्त आईबी रानी ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली कि मांगे राम आचार्य नामक व्यक्ति फर्जी एजूकेशन बोर्ड चला रहा है। आपरेशन सेल ने जांच शुरू की। एक पुलिसकर्मी नकली ग्राहक बनकर सर्टिफिकेट बनवाने गया। पुख्ता जानकारी के बाद पुलिस ने 31 मई को गोपालपुर गांव से दिलीप कुमार शुक्ला, मनोज कुमार मिश्रा व धर्मजीत सिंह को गिरफ्तार कर लिया। उनके पास से बड़ी संख्या में तैयार फर्जी तथा प्रिंटेड सर्टिफिकेट, 29 नकली स्टांप सहित कंप्यूटर व स्कैनर बरामद कर लिया। पुलिस ने 9 जून को बोर्ड के फरार संचालक मांगे राम आचार्य को भी दबोच लिया। पूछताछ में पुलिस को पता चला कि आरोपी स्थानीय अखबारों में बगैर परीक्षा दिए आठवीं फैल छात्रों को 10वीं व 12वीं पास का सर्टिफिकेट उपलब्ध करवाने का आकर्षक विज्ञापन देते थे। उनसे हर सर्टिफिकेट के लिए चार हजार रुपये वसूलते थे। लोगों पर विश्वास कायम करने के लिए उन्होंने डब्लूडब्लूडब्लू बीएचएसईडीईएलएचआई.ओआरजी नाम से वेबसाइट भी बना रखी थी। इसमें बोर्ड के उप कार्यालय सहित 330 स्कूलों के भी नाम थे, जहां से लोग सर्टिफिकेट प्राप्त कर सकते थे। पुलिस उपायुक्त के मुताबिक बोर्ड संचालक मांगे राम मूल रूप से गौतमबुद्ध नगर का रहने वाला है। वर्ष 1995 में दिल्ली आने के बाद उसने आयुर्वेदिक डाक्टर की हैसियत से एनजीओ खोला। बाद में जल्द पैसा कमान के लिए 2002 से फर्जी एजूकेशन बोर्ड चलाने लगा। उसपर दिल्ली व मथुरा में 17 आपराधिक मामले चल रहे हैं। मांगे राम तिमारपुर थाने का बीसी तथा विकासपुरी थाने का भगोड़ा अपराधी है। वह ट्रांस यमुना इलाके से सांसद, विधायक व पार्षद का चुनाव भी लड़ चुका है। भविष्य में उसकी मंशा यूपी के मथुरा से विधानसभा का चुनाव लड़ने की थी। दिलीप कुमार बोर्ड में सुरक्षा गार्ड, मनोज कुमार रिकार्ड कीपर तथा धर्मजीत सिंह कंप्यूटर आपरेटर का काम करता था। पुलिस उनके पास से बरामद रजिस्टर को खंगाल रही है। उसमें पुराने ग्राहकों के नाम व पत्ते लिखे हुए है।
;