Tuesday, 14 June 2011

देश में कहीं भी प्रेक्टिस कर सकेंगे वकील

बिंदु उप्पल, लुधियाना : आगामी 15 जून से वकील देश के किसी भी कोने में प्रैक्टिस कर सकेंगे। इसके लिए उन्हें दूसरे स्थान पर दोबारा बार एसोसिएशन की सदस्यता व रजिस्ट्रेशन करवाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। केंद्र सरकार ने एडवोकेट एक्ट ऑफ 1961 की धारा 30 के मद्देनजर यह एक्ट पास किया है। कानून मंत्रालय के अनुसार यह एक्ट 15 जून से देश भर में लागू हो जाएगा। इस एक्ट के मुताबिक हर वकील जिसका नाम व रजिस्ट्रेशन है, उसे देश के किसी भी कोने में जाकर दोबारा बार एसोसिएशन का सदस्य बनने की जरूरत नहीं होगी। एक्ट के मुताबिक एसोसिएशन के सदस्य के तौर पर किसी भी राज्य की बार एसोसिएशन का बिना रजिस्ट्रेशन करवाए सदस्य माना जाएगा। साथ ही किसी भी कोर्ट में प्रैक्टिस के साथ बार एसोसिएशन का चुनाव भी लड़ सकेंगे। लुधियाना बार एसोसिएशन के उपप्रधान एडवोकेट जेएस मिगलानी ने बताया कि सरकार का यह फैसला वकीलों के पक्ष में है। इससे वकीलों को किसी भी राज्य में प्रैक्टिस करने में कोई परेशानी नहीं होगी। उन्होंने बताया कि सरकार की ओर से इस नए एक्ट के लिए देश में नोटीफिकेशन भी जारी कर दिया गया है, ताकि वकील स्वतंत्र होकर वकालत कर सकें। इस संबंध में एडवोकेट रमेश लखनपाल का कहना है कि इस एक्ट के लागू होने से वकीलों में खुशी है विशेष कर महिला वकीलों में। एडवोकेट विजय शर्मा, एडवोकेट सुखपाल कौर व एडवोकेट अमृत वर्षा रामपाल का कहना है कि महिला वकीलों की शादी अगर किसी अन्य राज्य में हो जाती है तो उन्हें अब ज्यादा जद्दोजहद नहीं करनी होगी।
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