Wednesday 11 May 2011

उच्च शिक्षा सुधार में होगी नोबेल विजेताओं की भी अहम भूमिका

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो : उच्च शिक्षा के सुधार में नोबेल पुरस्कार विजेताओं की भी अहम भूमिका होगी। राष्ट्रीय उच्च शिक्षा एवं शोध आयोग (एनसीएचईआर) विधेयक का मसौदा लगभग फाइनल है। प्रस्तावित आयोग के विधेयक के तहत एक कोलेजियम के गठन का प्रस्ताव है। आयोग के काम-काज में जिसकी अहम भूमिका होगी। विधेयक के मसौदे के मुताबिक कोलेजियम के सदस्यों में जहां विभिन्न परिषदों और समितियों के प्रतिनिधियों को शामिल किया जाएगा, वहीं अपने व्यक्तिगत गुणों और क्षमताओं के आधार पर इसमें नोबेल पुरस्कार प्राप्त व्यक्तियों और फील्ड्स मैडल से पुरस्कृत लोगों को रखने का प्रावधान किया गया है। फील्ड्स मैडल गणित में महत्वपूर्ण नया शोध करने वाले व्यक्ति को दिया जाता है। कोलेजियम सदस्यों के लिए चार अनुसूचियां बनाई गई हैं। पहली अनुसूची में बार काउंसिल, मेडिकल काउंसिल, इंस्टिट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया और इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियर्स जैसे 14 विभिन्न व्यावसायिक शिक्षा के निकायों के एक-एक प्रतिनिधि होंगे। इसी तरह दूसरी अनुसूची में वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद और भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी जैसे उच्च शिक्षा में शोध के 13 संस्थानों के एक-एक प्रतिनिधि होंगे। तीसरी अनुसूची में अपने निजी गुणों और क्षमताओं की वजह से दो खास अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से नवाजे गए लोगों को रखा गया है। इसमें भी भारत में नोबेल पुरस्कार पाने वाले गणमान्य लोग ज्यादा हैं। चौथी अनुसूची फिक्की, एसोचेम और सीआइआइ जैसे 10 औद्योगिक संगठनों की है। सूत्रों के मुताबिक विधेयक के अंतिम मसौदे पर विभिन्न मंत्रालयों की राय ली जा चुकी है।
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