Wednesday 20 April 2011

सरकारी स्कूलों में धनवर्षा

बलवान शर्मा, फतेहाबाद शिक्षित अध्यापकों व मिड-डे मील जैसे महत्वाकांक्षी योजनाओं के बावजूद निजी स्कूल हर साल दाखिलों के समय सरकारी स्कूलों पर भारी पड़ते हैं। भारी भरकम फीस वसूली के बावजूद आज भी आम आदमी अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों की बजाए निजी स्कूलों में पढ़ाना पसंद करते हैं। लेकिन अब इस स्थिति से निपटने के लिए शिक्षा विभाग प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों में धनवर्षा करने जा रहा है। हर साल हर जिले को एक करोड़ रुपये की राशि दी जाएगी, जो कि शिक्षा के अभिनव, परिवर्तन और नवीनता के कार्यो पर खर्च होगी। इस राशि का सही उपयोग हो इसके लिए अब हर जिले में एक अन्ना हजारे की जरूरत पड़ेगी। सूत्र बताते हैं कि शिक्षा विभाग ने प्रदेश में इन्नोवेशन फंड (अभिनव, परिवर्तन एवं नवीनता) के तहत हर जिले में 1 करोड़ रुपये हर साल देने का तय किया है। इस राशि में से 50 प्रतिशत राशि का प्रयोग कन्याओं की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए नए नए प्रोजेक्ट शुरू करने, बचपनशालाओं व शिक्षा को बढ़ावा देने, एससी, एसटी, अल्प संख्यक समुदाय तथा गरीब तबके के बच्चों की शिक्षा को बढ़ावा देने पर खर्च किया जाएगा। शेष 50 लाख रुपये को सरकारी स्कूलों में कंप्यूटर एडिड शिक्षा को बढ़ावा देने पर खर्च किया जाएगा। आने वाले समय में प्राइमरी स्तर से ही कंप्यूटर शिक्षा को ही फोकस किया जाना है। इसमें से अधिकांश राशि इसी कार्य पर खर्च होनी है। इसके अलावा अपर प्राइमरी स्कूलों में भी साइंस, गणित, हार्डवेयर, साफ्टवेयर, प्रशिक्षण, मरम्मत पर भी इसी फंड का प्रयोग किया जाना है।
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