Saturday 23 April 2011

दो स्तरीय स्कूल प्रणाली को सीएम की मंजूरी

चंडीगढ़। हरियाणा में दो स्तरीय स्कूल प्रणाली के प्रस्ताव को मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने मंजूरी दे दी है। यह प्रणाली इसी सत्र से लागू कर दी जाएगी। यह जानकारी शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल ने दी।
अमर उजाला से विशेष बातचीत में उन्होंने कहा कि इस प्रणाली के प्रस्तावित मसौदे पर शिक्षक संघों ने पहले ऐतराज जताया था। स्कूल प्रणाली में बदलाव का जो ड्राफ्ट शिक्षा विभाग ने तैयार किया था, उसे मुख्यमंत्री को दिखाया गया, जिसे उन्होंने मंजूरी दे दी। इसी के तहत नौंवी से बारहवीं कक्षा तक की ट्यूशन फीस और जुर्माना माफ किए गए हैं।
भुक्कल ने बताया कि मसौदे में पहली और दूसरी कक्षा को जेबीटी टीचरों द्वारा और तीसरी से आठवीं कक्षा तक मास्टरों द्वारा पढ़ाने का प्रस्ताव तैयार किया गया था। लेकिन राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने शिक्षक पात्रता टेस्ट (टीईटी) के अंतर्गत पहली से पांचवीं कक्षा तक एक ही टीचर और छठी से आठवीं कक्षा तक मास्टर को पढ़ाने को कहा है। इसलिए मसौदे में भी परिवर्तन किया गया है। पहली से पांचवीं कक्षा तक अब जेबीटी ही पढ़ाएंगे। उनका पद नाम प्राइमरी टीचर रखा जाएगा और मास्टर का पदनाम टे्रंड ग्रेजुएट टीचर रखा जाएगा। लेक्चरर का पदनाम नहीं बदला जाएगा।
गीता भुक्कल ने कहा कि चूंकि पहली से आठवीं कक्षा तक एक निदेशालय के नीचे स्कूल और स्टाफ आ जाएगा, इसलिए उसे एलीमेंटरी निदेशालय कहा जाएगा। नौवीं से 12वीं कक्षा तक के स्कूल सीनियर सेकेंडरी स्कूल होंगे और इन कक्षाओं को लेक्चरर पढ़ाएंगे। शिक्षा मंत्री ने कहा कि मास्टर वर्ग ने लिखित में दे दिया है कि नए सिस्टम से उन्हें कोई ऐतराज नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि एलीमेंटरी और सेकेंडरी निदेशालय बनने के बावजूद हाई स्कूलों में नौवीं और दसवीं कक्षा को अभी मास्टर ही पढ़ाएंगे क्योंकि इन स्कूलों को धीरे-धीरे सीनियर सेकेंडरी स्कूल बनाया जाएगा। शिक्षा मंत्री ने बताया कि शिक्षा का अधिकार कानून के तहत नियम बहुत जल्द अधिसूचित किए जा रहे हैं, इसलिए इस एक्ट के तहत सभी प्रावधान नई दो स्तरीय स्कूल प्रणाली में इसी सत्र से लागू कर दिए जाएंगे।
स्कूलों का समय बढ़ेगा
शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल ने बताया कि आरटीई के तहत स्कूलों का समय बढ़ाया जाएगा। इसके अलावा शिक्षक और विद्यार्थी अनुपात प्राइमरी में 1:30 और मिडल में 1:35 रखा जाएगा। किसी भी हालत में 10 फीसदी से ज्यादा शिक्षकों के पद खाली नहीं रहने दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि शिक्षकों का रिस्ट्रक्चरिंग प्लान भी तैयार किया जा रहा है। दाखिले के लिए कभी भी कोई स्टूडेंट स्कूल में आवेदन कर सकता है।
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