हमारा ध्येय प्रदेश में शिक्षक का ढांचा मजबूत करना है। मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा इसी प्रयास में लगे हैं। अब नए नियमों लागू कर रहे हैं, पर थोपेंगे नहीं, 13 शिक्षक संघों से एक अप्रैल को वार्ता होगी। किसी पर नियम थोपे नहीं जाएंगे, सलाह से काम करेंगे। शिक्षकों को भी चाहिए कि वे सरकार का सहयोग करें। नियम तो लागू होंगे जरूर। सरकार शिक्षक और शिक्षार्थियों के हित में ही कदम उठा रही है। शिक्षा मंत्री, हरियाणा
क्या हैं नए नियमों की मुख्य बातें
खंड शिक्षा अधिकारियों की अब सीधी भर्ती
स्कूल लेक्चरर का पदनाम बदलकर पीजीटी (पोस्ट ग्रेज्युेट टीचर) किया जा रहा है।
मास्टर को अब टीजीटी ट्रेंड ग्रेज्युएट टीचर कहा जाएगा
जेबीटी को पीआरटी प्राइमरी रिक्युटेड टीचर
क्लास एक से 2 पीआरटी पढ़ाएंगे
3से 8 पीजीटी
9 से 12 कक्षा पीजीटी पढ़ाएंगे
लेक्चरर की पदोन्नति प्रिंसिपल की बजाय अब वाइस प्रिसिंपल की होगी
वाइस प्रिसिंपल के बाद प्रिसिंपल की बनने के लिए विभागीय परीक्षा
वाइस प्रिसिंपल की पदोन्नति लेक्चरर व मिडिल हेड से होगी
पहले लेेक्चरर की प्राइटी हाईस्कूल के हेडमास्टर के बराबर होती थी नए नियमों में मिडिल हेड के बराबर है।
कक्षा 1 से 5 तक 1 वर्ष में 200 कार्यदिवस व 800 घंटे
6 से 8 तक एक वर्ष में 220 कार्यदिवस व 1009 कार्य घंटे
स्कूल समय 8से 4 रहेगा। कम से कम साढ़े सात घंटे। पहले छह घंटे था।
स्कूल की ड्रेस स्कूल वाइज स्कूल मैनेजमेंट कमेटी तय करेगी।
हरियाणा में शिक्षा ढांचे में बड़े बदलाव के चलते राज्य सरकार व शिक्षक संघों में टकराव शुरू हो गया है। इस कड़ी में शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल ने 14 संघों के नेताओं को 1 अप्रैल को चंडीगढ़ बुला लिया है। साथ ही कहा है नियम लागू होंगे, थोपेंगे नहीं, लेकिन सलाह लेकर लागू जरूर करेंगे।
राज्य सरकार 1 अप्रैल से नए नियम लागू करने जा रही है। सभी स्कूलों में ऐसी व्यवस्था होगी। इनमें अनिवार्य शिक्षा कानून के अलावा कई नए नियम सरकार भी लागू कर रही है। मुख्य रूप से पदोन्नति, भतीं, स्कूल का समय संबंधी बड़ी संख्या में आदेशों से विवाद गहरा रहा है। हरियाणा स्कूल लेक्चरर एसासिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष किताब सिंह ने भास्कर ने बताया कि नए नियमों का कड़ा विरोध है। लेक्चरर न तो पढ़ाएंगे और न ही हाल ही हो रही परीक्षाओं की कॉपियां जाचेेंगे। हरियाणा राजकीय अध्यापक संघ के प्रांतीय नेता सत्यपाल सिवाच ने कहा है कि एक अप्रैल से जिला स्तर से रोष प्रदर्शन एवं इसके बाद प्रांतीय आंदोलन छेड़ दिया जाएगा। शिक्षक नेताओं का कहना है कि शिक्षा ढांचे के पुनर्गठन एवं बहुचर्चित त्रिस्तरीय प्रणाली के पीछे पूंजीपतियों को शिक्षा का कारोबार देना है। साथ ही सरकार शिक्षकों के 22हजार रिक्त पद नहीं भरना चाहती। इधर, ऐसे हालातों में दोनों पक्षों के बीच टकराव के स्थिति बन गई है। हालांकि राज्य सरकार ने पहल करते हुए शिक्षक संघों को बुला लिया है।
क्या हैं नए नियमों की मुख्य बातें
खंड शिक्षा अधिकारियों की अब सीधी भर्ती
स्कूल लेक्चरर का पदनाम बदलकर पीजीटी (पोस्ट ग्रेज्युेट टीचर) किया जा रहा है।
मास्टर को अब टीजीटी ट्रेंड ग्रेज्युएट टीचर कहा जाएगा
जेबीटी को पीआरटी प्राइमरी रिक्युटेड टीचर
क्लास एक से 2 पीआरटी पढ़ाएंगे
3से 8 पीजीटी
9 से 12 कक्षा पीजीटी पढ़ाएंगे
लेक्चरर की पदोन्नति प्रिंसिपल की बजाय अब वाइस प्रिसिंपल की होगी
वाइस प्रिसिंपल के बाद प्रिसिंपल की बनने के लिए विभागीय परीक्षा
वाइस प्रिसिंपल की पदोन्नति लेक्चरर व मिडिल हेड से होगी
पहले लेेक्चरर की प्राइटी हाईस्कूल के हेडमास्टर के बराबर होती थी नए नियमों में मिडिल हेड के बराबर है।
कक्षा 1 से 5 तक 1 वर्ष में 200 कार्यदिवस व 800 घंटे
6 से 8 तक एक वर्ष में 220 कार्यदिवस व 1009 कार्य घंटे
स्कूल समय 8से 4 रहेगा। कम से कम साढ़े सात घंटे। पहले छह घंटे था।
स्कूल की ड्रेस स्कूल वाइज स्कूल मैनेजमेंट कमेटी तय करेगी।
हरियाणा में शिक्षा ढांचे में बड़े बदलाव के चलते राज्य सरकार व शिक्षक संघों में टकराव शुरू हो गया है। इस कड़ी में शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल ने 14 संघों के नेताओं को 1 अप्रैल को चंडीगढ़ बुला लिया है। साथ ही कहा है नियम लागू होंगे, थोपेंगे नहीं, लेकिन सलाह लेकर लागू जरूर करेंगे।
राज्य सरकार 1 अप्रैल से नए नियम लागू करने जा रही है। सभी स्कूलों में ऐसी व्यवस्था होगी। इनमें अनिवार्य शिक्षा कानून के अलावा कई नए नियम सरकार भी लागू कर रही है। मुख्य रूप से पदोन्नति, भतीं, स्कूल का समय संबंधी बड़ी संख्या में आदेशों से विवाद गहरा रहा है। हरियाणा स्कूल लेक्चरर एसासिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष किताब सिंह ने भास्कर ने बताया कि नए नियमों का कड़ा विरोध है। लेक्चरर न तो पढ़ाएंगे और न ही हाल ही हो रही परीक्षाओं की कॉपियां जाचेेंगे। हरियाणा राजकीय अध्यापक संघ के प्रांतीय नेता सत्यपाल सिवाच ने कहा है कि एक अप्रैल से जिला स्तर से रोष प्रदर्शन एवं इसके बाद प्रांतीय आंदोलन छेड़ दिया जाएगा। शिक्षक नेताओं का कहना है कि शिक्षा ढांचे के पुनर्गठन एवं बहुचर्चित त्रिस्तरीय प्रणाली के पीछे पूंजीपतियों को शिक्षा का कारोबार देना है। साथ ही सरकार शिक्षकों के 22हजार रिक्त पद नहीं भरना चाहती। इधर, ऐसे हालातों में दोनों पक्षों के बीच टकराव के स्थिति बन गई है। हालांकि राज्य सरकार ने पहल करते हुए शिक्षक संघों को बुला लिया है।