डा. सुरेंद्र धीमान
चंडीगढ़।
हरियाणा में अब प्राइमरी स्कूल में 30 बच्चों को पढ़ाने का जिम्मा एक टीचर पर होगा। फिलहाल एक टीचर पर 40 बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी है। इसके लिए स्कूल शिक्षा प्रणाली में बदलाव का जो मसौदा शिक्षा विभाग ने तैयार किया था, उसमें भी थोड़ा फेरबदल किया गया है।
पहली से पांचवीं कक्षा तक मौजूदा शिक्षक विद्यार्थी अनुपात 1:40 है, जबकि छठी से 12 वीं कक्षा तक 1:50 है। शिक्षा विभाग अब आरटीई अधिनियम लागू करने के लिए इस अनुपात को घटा रहा है। पहली से पांचवीं कक्षा तक यह अनुपात 1:30 होगा जबकि छठी से आठवीं कक्षा तक यह अनुपात 1:35 का रहेगा। इसके अलावा नौंवीं से 12 वीं कक्षा तक शिक्षक विद्यार्थी अनुपात 1:40 का होगा।
टीचर यूनियन प्रतिनिधियों के साथ शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल और सेकेंडरी एजूकेशन के निदेशक विजयेंद्र कुमार के साथ बैठक में शिक्षा प्रणाली बदलने का जो मसौदा तैयार किया गया था, उसमें पहली और दूसरी कक्षा को जेबीटी टीचर, तीसरी से आठवीं कक्षा तक मास्टर और नौवीं से 12 वीं तक लेक्चरर को पढ़ाने का जिम्मा सौंपा जाना है। लेकिन अब इसमें महत्वपूर्ण बदलाव किया जा रहा है। चूंकि राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने जेबीटी और मास्टर वर्ग के टीचर रखने के लिए सभी राज्यों को जो गाइडलाइंस भेजी हैं, उसके अनुसार पहली से पांचवीं कक्षा तक के टीचर को एक टेस्ट देना होगा, जबकि छठी से आठवीं कक्षा तक के टीचर को दूसरा टेस्ट।
इससे साफ हो गया है कि जेबीटी टीचर को पहली से पांचवीं कक्षा तक पढ़ाई करानी होगी। इस बदलाव से जेबीटी टीचर और मास्टर वर्ग को कुछ राहत मिलेगी। इस बीच, विभाग ने आरटीई नियम तैयार कर लिए हैं जिन्हें विधि परामर्शी ने मंजूरी दे दी है। इन नियमों को अब मंत्रिमंडल की बैठक का इंतजार है।
नए मसौदे के तहत शिक्षक-विद्यार्थी अनुपात बदला
अध्यापक शिक्षा परिषद की गाइडलाइंस पर अमल
आरटीई नियमों को कैबिनेट की मंजूरी का इंतजार
राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद की गाइडलाइंस को मानते हुए बदलाव किया गया है। अब स्कूल शिक्षा के दो ही निदेशालय होंगे। एक एलीमेंटरी और दूसरा सेकेंडरी। एलीमेंटरी निदेशालय में पहली से आठवीं तक के स्कूल और स्टाफ शामिल होगा, जबकि सेकंडरी निदेशालय में नौवीं से 12 वीं तक। मौजूदा हाई स्कूलों को धीरे-धीरे अपग्रेड कर सीनियर सेकेंडरी स्कूल बना दिया जाएगा।
-विजयेंद्र कुमार, निदेशक, सेकेंडरी एजूकेशन, हरियाणा