Sunday 18 March 2012

अयोग्य टीचर भर्ती करने वाले फंसेंगे

विभाग ने प्रदेश भर से मांगे अयोग्य टीचरों को भर्ती करने वालों के नाम
अमर उजाला ब्यूरो
कैथल। हरियाणा में दिसंबर 2005 और 2006 में भर्ती के समय अयोग्य अतिथि अध्यापकों का चयन करने वाले स्कूल मुखियाओं और जिम्मेदार अधिकारियों पर कभी भी गाज गिर सकती है। शिक्षा विभाग ने सभी जिलों में पत्र जारी कर मुखियाओं की सूची मांगी है, जिनके कार्यकाल में कागजों में कमी वाले गेस्ट टीचर भर्ती हो गए थे।
दिसंबर 2005 में गांव, ब्लॉक एवं जिलास्तर तथा राज्य स्तर पर भर्ती की गई। स्कूल मुखिया सहित ब्लॉक शिक्षा अधिकारी स्तर के अधिकारियों ने अपने स्तर पर ही कागजों की जांच करके गेस्ट टीचरों को भर्ती कर लिया। बाद में एक गेस्ट टीचर को हटाए जाने के बाद खुलासा हुआ कि कई गेस्ट टीचर कागजों में कमी के बावजूद भी भर्ती हुए हैं। इनके द्वारा पढ़ाए जाने वाले विषय के नियमानुसार कंबीनेशन के लिए भी उनके पास डिग्री नहीं है। इस जांच के बाद विभाग ने सभी जिलों में इन गेस्ट टीचरों के कागजातों की जांच कराई थी।
कैथल में 24 से अधिक अध्यापकों के कागजों में कमी
विभाग से मिली जानकारी के अनुसार इस जांच में कैथल जिले में 24 से अधिक अध्यापकों एवं लेक्चरर के कागजों में कमी पाई जाएगी है। जो भर्ती के समय आवश्यक शर्तों को पूरा नहीं कर पा रहे थे। इसके अतिरिक्त कुछ जेबीटी अध्यापकों की डिग्री को लेकर भी सूची विभाग को बनाकर भेजी गई है।
जिला शिक्षा अधिकारी साधू राम बेरवाला ने बताया कि सरकार द्वारा पॉलिसी की अवहेलना करके भर्ती होने वाले गेस्ट टीचर्स एवं इन गेस्ट टीचर्स को भर्ती करने वाले तत्कालीन अधिकारियों एवं स्कूल मुखियाओं की सूची मांगी है। इसे रिकार्ड से पता लगाकर भेज दिया गया है।
स्कूल शिक्षा विभाग के डायरेक्टर समीर पाल सरों ने फोन पर बताया कि प्रदेश के सभी जिलों से ऐसे अधिकारियों एवं स्कूल मुखियाओं की सूचना मांगी गई है। पूरे प्रदेश से जब पूरी जानकारी मिल जाएगी, तो उसके बाद कार्रवाई होगी।
अधिकारियों की मांगी जानकारी
कैथल से 24 से अधिक टीचरों के कागजों में मिली थीं कमियां
कागजों में कमी होने पर भी भर्ती हुए गेस्ट टीचर
विभाग ने इस जांच के बाद शुरू में ही इन कागजों में कमी पाए जाने वाले गेस्ट टीचर्स को भर्ती करने वाले अधिकारियों की सूची मांगी है। इसके साथ उस समय के पद और नियुक्ति का स्थान देने के लिए भी कहा है। इस तरह से अतिथि अध्यापकों को भर्ती करने वाले उस समय के स्कूल मुखिया आज विभाग में आला पदों पर पहुंच चुके हैं तथा कई ब्लॉक शिक्षा अधिकारी आज जिला शिक्षा अधिकारी भी बन चुके हैं। ऐसे में यदि इस मामले में कार्रवाई होती है तो कई अधिकारियों पर भी गाज गिरेगी।
;