Sunday, 4 March 2012

कोर्ट का फैसला न मानने पर पात्र अध्यापक संघ ने दी चेतावनी

झज्जर, 3 मार्च (निस)। पहले सुप्रीम कोर्ट व बाद में हाई कोर्ट द्वारा अतिथि अध्यापकों की सेवाएं 31 मार्च तक रखने व बाद में अप्रैल माह में नियमित शिक्षकों की भर्ती करने की प्रक्रिया यदि सरकार द्वारा अमल में नहीं लाई गयी तो पात्र अध्यापक इसका विरोध करेंगे और जरूरत पड़ी तो राज्यपाल के साथ-साथ राष्ट्रपति का द्वार भी खटखटाया जाएगा। यह चेतावनी शनिवार को यहां हुई पात्र अध्यापक संघ की बैठक में एक प्रस्ताव के माध्यम से दी गई। इस बैठक का आयोजन जिला अध्यक्ष विनोद सोलंकी द्वारा किया गया था।  बैठक में प्रदेश संगठन के सचिव अमित अहलावत ने भी मुख्य रूप से शिरकत की। बैठक में अपनी बात रखते हुए अमित अहलावत व विनोद सोलंकी ने कहा कि अदालत ने अतिथि अध्यापकों की सेवाएं नियमित करने के मामले में दूध का दूध और पानी का पानी किया है। परन्तु इन सबके बावजूद सरकार अब भी सुनियोजित साजिश के तहत इन अतिथि अध्यापकों की सेवा अवधि बढ़ाने का प्रयास कर रही है, जोकि गलत है। यदि ऐसा हुआ तो सरकार के इस निर्णय का विरोध किया जाएगा और जरूरत पड़ी तो आन्दोलन भी किया जाएगा। यह भी बताया गया कि 20 मार्च के बाद रोहतक में एक प्रदेशस्तरीय महापंचायत भी आयोजित की जाएगी और रोहतक में आमरण अनशन शुरू किया जाएगा।
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