Sunday 4 March 2012

कालेजों में जांच से हड़कंप

हाईकोर्ट के आदेश पर एनसीटीई की टीम कर रही है जांच
जींद। पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय चंडीगढ़ के आदेश पर बीएड कालेजों की चेकिंग का काम शुरू हो गया है। कालेज एनसीटीई जयपुर के मानक पर कितने खरे उतर रहे हैं? इसकी स्टेटस रिपोर्ट 19 मार्च तक पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय चंडीगढ़ में एनसीटीई (नेशनल काउंसिल फॉर टीचर्स एजूकेशन) जयपुर ने सौंपनी है।
एनसीटीई ने जींद के 23 बीएड कालेजों की जांच के लिए दो टीमें भेजी हैं। दोनों टीमें कई दिनों से कालेजों की जांच पड़ताल कर रही हैं।
प्रशिक्षित अध्यापक संघ ने वर्ष 2009-10 में पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय चंडीगढ़ में याचिका दायर कर कहा था कि हरियाणा में निजी क्षेत्र में जितने कालेज खोले गए हैं, वे एनसीटीई के मानक पर खरे नहीं उतर रहे हैं। प्रशिक्षित अध्यापक संघ ने न्यायालय में याचिका तथ्यों के आधार पर की थी। संघ ने पहले जन सूचना अधिकार के तहत जो जानकारियां जुटाईं उसमें तथ्य चौंकाने वाले थे। एक अध्यापक कई कालेजों में क्लास ले रहा है।
बारीकी से हो रही है जांच
कोई कमी नहीं छूट जाए इसलिए कालेजों की जांच बारीकी से की जा रही है। यहां तक की कालेजों की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी का कार्य जांच टीमों से करवाया जा रहा है ताकि पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय को सौंपी जाने वाली कालेजों की स्टेटस रिपोर्ट में कोई कमी न रह जाए।
पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय चंडीगढ़ एनसीटीई के क्षेत्रीय निदेशक जयपुर को इस मामले में पहले ही फटकार लगा चुका है। कोर्ट ने छह महीने पहले कालेजों की जांच के लिए क्षेत्रीय निदेशक को आदेश दिए थे। बताया जा रहा है कि जांच पूरी करना तो दूर जांच ही शुरू नहीं करवायी। इसके बाद निदेशक की पेशी होने के बाद कोर्ट ने एक महीने के अंदर कालेजों की स्टेटस रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है।
यह हैं मानक
बीएड कालेज के लिए तीन एकड़ परिसर होना चाहिए। इसमें 1500 वर्गमीटर में भवन हो। कालेज स्टाफ में एक प्राचार्य और सात प्रवक्ता विभिन्न विषयों के होने चाहिए। बीएड के छात्रों को पढ़ाने के लिए जो अध्यापक होगा, उसकी शैक्षणिक योग्यता नेट या पीएचडी होनी चाहिए।
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