Friday, 24 February 2012

सुप्रीम कोर्ट का फैसला न्याय की जीत : संघ

भास्कर न्यूज, फतेहाबाद
सुप्रीम कोर्ट द्वारा अतिथि अध्यापकों की याचिका खारिज करने को पात्र अध्यापक संघ के जिला प्रधान बिजेंद्र लहरिया ने न्याय की जीत बताते हुए फैसले का स्वागत किया है। गौरतलब है कि मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस जीएस सिंघवी व एसजे मुखोध्यापाय की खंडपीठ ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के उस फैसले को सही ठहराया जिसमें अतिथि अध्यापकों को नियमित अध्यापकों की भर्ती में अध्यापक पात्रता परीक्षा से छूट देने व अनुभव के 24 अंक देने के सरकार के निर्णय को रद्द कर दिया गया था।

वर्ष 2009 में सरकार द्वारा नियमित अध्यापकों की भर्ती के लिए करीब 13 हजार पद विज्ञापित किए गए थे जिसमें सरकार ने एक शुद्धिपत्र जारी कर अतिथि अध्यापकों को अध्यापक पात्रता परीक्षा से छूट तथा अनुभव के 24 अंक दिए जाने का निर्णय लिया था। परंतु पात्रता परीक्षा पास दलीप बिश्नोई, अशोक कुमार इत्यादि ने विभिन्न याचिकाएं दायर कर सरकार के इस निर्णय को हाईकोर्ट में चुनौती दी।

जिन पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने अतिथि अध्यापकों को दी गई इन रियायतों को नियम विरुद्ध मानते हुए रद्द कर दिया था। हाईकोर्ट के इस निर्णय के विरुद्ध अतिथि अध्यापकों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने भी अंतरिम आदेश पारित करते हुए कहा था कि अतिथि अध्यापकों के साक्षात्कार ले लिए जाएं व उनका परिणाम घोषित न किया जाए।
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