साबित करनी होगी योग्यता
भास्कर न्यूज, रोहतक
जिले भर में तैनात करीब 150 गेस्ट टीचरों को अब अपनी योग्यता साबित करने का वक्त आ गया है। सुप्रीम कोर्ट ने अतिथि अध्यापकों की विशेष अनुमति याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट के आदेशानुसार सभी गेस्ट टीचरों को राज्य स्तर पर होनी वाली पात्रता परीक्षा में भाग लेना होगा। एक तरह से देखा जाए तो पात्र और योग्य अध्यापकों को सुप्रीम कोर्ट ने राहत दे दी है। कोर्ट के इस सख्त आदेश के बाद अतिथि अध्यापकों पर पहाड़ टूटना लाजिमी है। इनके पास अपनी योग्यता को साबित करने के अलावा अब सभी रास्ते बंद हो गए हैं।
रोहतक शहर में अब तक कुल 150 अतिथि अध्यापक अन्य सरकारी स्कूलों में तैनात हैं। इन अध्यापकों में जेबीटी शिक्षक भी शामिल है। कुछ टीचर ऐसे भी हैं, जो अपने जिले के बाहर जाकर बतौर गेस्ट टीचर विद्यार्थियों को शिक्षा दे रहे हैं। इन सभी लोगों को पक्का होने के लिए पात्रता परीक्षा देनी होगी।
उच्चतम न्यायालय ने सिर्फ रोहतक ही नहीं बल्कि हरियाणा के सरकारी स्कूलों में नियुक्त करीब 16 हजार अतिथि अध्यापकों को करारा झटका दिया है।
बेरोजगार अध्यापकों की न्यायिक जीत
पात्र अध्यापक संघ ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को बेरोजगार अध्यापकों की जीत बताया। संघ के प्रदेश प्रवक्ता प्रेम अहलावत ने कहा कि कोर्ट द्वारा अतिथि अध्यापकों की अनुमति याचिका खारिज होना योग्य पात्र बेरोजगार अध्यापकों की न्यायिक जीत है। कोर्ट ने माना कि अतिथि अध्यापकों की नियुक्ति उचित तरीके से नहीं की गई। ये सब नियमों के खिलाफ की गई। इस फैसले ने इनको राहत दे दी है।