Monday, 23 January 2012

फर्जी मार्कशीट पर भर्ती हुई कांस्टेबल !

परीक्षा परिणाम आने पर दिया असली सर्टिफिकेट, दोनों में नंबर अलग अलग, कटिंग दिखाई दे रही साफ
प्रदीप जांगड़ा त्न फतेहाबाद

फाइनेंस के कारोबार में फंसी महिला कांस्टेबल सरोज रानी की योग्यता प्रमाण पत्र को लेकर भी विवाद खड़ा हो गया है। आरोप है कि वह फर्जी मार्कशीट देकर पुलिस में भर्ती हुई थी। उसके पति का निधन हो गया था और उसे पति की जगह नौकरी मिली थी। नौकरी देने से पूर्व विभाग ने कुछ शर्तें रखी थीं। उन शर्तों को पूरा करने के लिए सरोज ने फर्जीवाड़ा किया था। यह शिकायत ऐसे शख्स ने दी हुई है, जो भर्ती के दौरान उसके साथ था। सरोज का पति सुभाष चंद्र झज्जर में सिपाही पद पर तैनात था। 4 दिसंबर 2002 को उसकी मृत्यु हो गई थी।

वर्ष 2002 में सरोज की शैक्षिक योग्यता सिर्फ दसवीं थी। विभाग ने उसे बाहरवीं पास सर्टिफिकेट जमा कराने के लिए तीन साल का समय दिया था। उसके हिसाब से यह अवधि 4 दिसंबर 2005 बनती है। आरोप है कि पहली बार उसने जो परीक्षा दी थी, उसमें कंपार्टमेंट थी। वहीं मार्कशीट जमा कराने की अवधि भी खत्म होने को थी। इसके चलते सरोज ने इंटरनेट से मार्कशीट का प्रिंटआउट निकाला। उसमें कुछ गड़बडिय़ां कर खुद को पास दिखा दिया। इस कॉपी को सत्यापित कराकर उसने विभाग में जमा करा दिया। इस आधार पर उसे नौकरी मिल गई। उसने कंपार्टमेंट खत्म करने के लिए फिर परीक्षा दी। उस परीक्षा में वह पास हो गई, मगर तब तक मार्कशीट जमा कराने की अवधि बीत चुकी थी। हालांकि उसने विभाग के सामने पहले से ही खुद को बाहरवीं पास दिखा दिया था। इसके बाद उसने पुरानी मार्कशीट निकलवाकर नई जमा करा दी। यह शिकायत गांव खजूरी जाटी के सीताराम ने एसपी कार्यालय में दी है। सीता राम का कहना है कि जिस वक्त उसकी भर्ती हुई थी, उस वक्त उसकी सरोज के साथ नजदीकियां थीं। यह फर्जीवाड़ा उसके सामने किया गया था। सीताराम ने बाकायदा तथ्यों समेत प्रमाण भी पेश किए हैं। अब पुलिस अधीक्षक कार्यालय के साथ साथ आईजी कार्यालय में भी इसकी जांच चल रही है। उधर सरोज भी खुद को सही साबित करने की कोशिश में जुटी है।
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