सिरसा, मुख्य संवाददाता : 23 कमरों की नई इमारत में करीब 2700 बच्चों को बैठाकर पढ़ाने की शिक्षा विभाग की जुगत पर हाईकोर्ट ने संज्ञान लेते हुए मुख्य सचिव व विभाग से सात दिन के भीतर जवाब देने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई 14 नवंबर को होगी। लगभग एक दशक से जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग के लिए सम्मान का सवाल बना यह मामला अब हाईकोर्ट पहुंच गया है। दरअसल, इस मामले में नया मोड़ उस समय आया, जब महीनों से 23 कमरों में शिफ्टिंग को असंभव बताने वाले जिला शिक्षा विभाग ने पिछले दिनों हां कर दी। यही नहीं, जिला शिक्षा अधिकारी ने राजकीय माडल संस्कृति स्कूल के प्राचार्य को पत्र लिखकर शिफ्टिंग करने के निर्देश जारी किए। मामले में नया मोड़ आने के बाद हरियाणा पब्लिक इंटरेस्ट सोसायटी सिरसा ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। सोसायटी ने शिफ्टिंग को गलत बताते हुए दलील दी कि स्कूल के लिए जमीन दान दी गई थी। इस जमीन पर नगर सुधार मंडल की शापिंग कांप्लेक्स बनाने की योजना गलत है। दूसरा तर्क कि स्कूल के लिए दान दी गई जमीन को नगर सुधार मंडल को फ्री देना भी गलत है। वैसे भी शैक्षणिक सत्र के बीच में शिफ्टिंग छात्रों के लिए परेशानी का सबब बन सकता है। कोर्ट की खंडपीठ ने इस पर संज्ञान लेते हुए सात दिन के भीतर सरकार को जवाब देने को कहा है। सोसायटी के अधिवक्ता सतबीर सिंह गिल ने बताया कि कोर्ट ने राज्य के मुख्य सचिव, जिला उपायुक्त, स्कूल एजुकेशन के डायरेक्टर, एजुकेशन सेक्रेटरी को नोटिस जारी कर 14 नवंबर तक जवाब मांगा है।