Friday, 9 December 2011

विशेषज्ञ बोले- पेपर आउट, आयोग का इनकार

जयपुर 
 मोबाइल के ब्लू टूथ ईयरफोन से नकल कराने वाले गिरोह के पकड़े जाने के बाद सवाल उठ रहा है कि क्या आरपीएससी की द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा का पहला पेपर आउट हो गया है? आरपीएससी भले ही इससे इनकार कर रहा है लेकिन विशेषज्ञ इसे आउट बता रहे हैं। उनका तर्क है कि जालोर में जिन दो अभ्यर्थियों को ब्लू टूथ से नकल करते पकड़ा गया, उससे आशंका है कि पेपर परीक्षा केंद्र से बाहर था। परीक्षार्थी बाहर बैठे गिरोह के लोगों से उत्तर पूछ रहे थे। जयपुर में भी तीन लोग पकड़े गए हैं, जबकि दो फरार हैं। हालांकि, इन्हें पेपर आउट करने से पहले ही पकड़ लिया था, लेकिन जो साथी फरार हैं उनकी क्या गारंटी है कि उन्होंने नकल नहीं कराई। पुलिस ने 5 जनों को गिरफ्तार किया है, लेकिन दो दिन से हो रही इस परीक्षा में इस तरह नकल कराने वाले और लोग भी हो सकते हैं, इसलिए यह पेपर आउट की श्रेणी में माना जाना चाहिए। उधर आरपीएससी सचिव केके पाठक ने कहा कि फिलहाल पेपर आउट नहीं मान रहे। 
ऐसे कराते हैं नकल  
ऑनलाइन आवेदन में सर्टिफिकेट संलग्न नहीं होता, इसलिए गिरोह के कुछ लोग परीक्षा में शामिल हो जाते हैं। ये डमी अभ्यर्थी के रूप में गिरोह की मदद करते हैं। प्राइवेट स्कूलों में तो गिरोह के लोग वीक्षक बन जाते हैं। डमी अभ्यर्थी पुराना पेपर लाते हैं। नया पेपर मिलते ही ये पुराना प्रश्नपत्र रखकर नया पेपर डमी वीक्षक को दे देते हैं। वीक्षक इस पेपर को बाहर पहुंचा देता है और दस मिनट में वापस ले आता है। किसी स्कूल में विशेष सख्ती पर गिरोह विकल्प भी तैयार रखता है। ऐसे में डमी वीक्षक मोबाइल से प्रश्न पत्र की फोटो लेकर एमएमएस भेज देता है। जयपुर और जोधपुर सहित प्रदेशभर में इस तरह से नकल का तरीका अपनाया जाता है। माइक्रो ब्लू टूथ से नकल होती है। यह शर्ट की कॉलर, बांह, कान के आभूषण, मफलर, घड़ी में लग जाता है। ब्लूटूथ कान के अंदर लगे ईयर फोन से जुड़ा होता है। ईयरफोन पेन की नोक जितना छोटा है। एक किमी दूर रखे मोबाइल से कनेक्ट हो जाता है। इस तरह बाहर बैठकर गिरोह के लोग परीक्षार्थी से बात कर उसके प्रश्नों का जवाब लिखवा देते हैं।  पकड़े गए, नहीं तो राज्यभर में नकल कराते 
माइक्रो ब्लूटूथ से नकल करवाने वाले गिरोह की प्रदेशभर में नकल कराने की तैयारी थी, लेकिन पहले ही भांडा फूट गया। गिरोह के गिरफ्तार सदस्य गणपत, जालिम सिंह तथा भजन लाल को पुलिस ने तीन दिन के रिमांड पर लिया है। इनसे पता चला है कि गिरोह के पास एक एक्सपर्ट टीम है, जो प्रदेश में किसी भी परीक्षा सेंटर पर बैठे अभ्यर्थी को पेपर हल करवा सकती थी। शेष त्न पेज ६

इन्होंने बताया कि गिरोह के फरार मुख्य सरगना जगदीश विश्नोई तथा भूपेन्द्र ने उनको ट्रांजिस्टर लगी शर्ट उपलब्ध कराई थी। आरोपियों ने बताया कि उनके रिश्तेदार जोधपुर, जैसलमेर में परीक्षा दे रहे हैं। पेपर मिलने के बाद वे श्याम नगर स्थित सांई गेस्ट हाउस जाते, जहां से उनको नकल करवाई जाती। बजाज नगर थाना प्रभारी शिवरतन गोदारा ने बताया कि फरार आरोपियों की तलाश में पुलिस ने कई जगह छापे मारे, लेकिन पता नहीं चल सका। अब उन अभ्यर्थियों से संपर्क किया जा रहा है, जिनके मोबाइल नंबर तथा रोल नंबर आरोपियों के पास मिले हैं। गिरोह के अन्य लोगों के मोबाइल स्विच ऑफ हैं। पुलिस को शक है कि परीक्षा सेंटर बनाए गए स्कूल संचालकों की गिरोह से मिलीभगत हो सकती है।

पेपर की फोटो खींच बाहर भिजवा देते थे मोबाइल

परीक्षा हॉल में जब पेपर बंटना शुरू होता, उस दौरान अभ्यर्थी बनकर गया युवक मोबाइल से पेपर की फोटो खींच लेता और परीक्षक को कहता कि वह गलती से मोबाइल ले ले आया है। परीक्षा सेंटर के बाहर पहले से ही खड़ा साथी मोबाइल लेकर श्याम नगर स्थित गेस्ट हाउस पर आता तथा कंप्यूटर की मदद से पेपर को बड़ा कर प्रिंट ले लेते। इसके बाद पेपर को साल्व कर वहीं से उन अभ्यर्थियों का पेपर हल करवा देते, जिनको परीक्षा में पास कराने का ठेका लिया है।

स्कूल तक क्यों गए आरोपी : पुलिस जांच में सामने आया है कि जगदीश व भूपेंद्र परीक्षा शुरू होने से एक दिन पहले मुहाना स्थित एक स्कूल तक बोलेरो से गए थे। गाड़ी वहां कुछ देर रुकी थी। अब पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि बदमाश स्कूल तक क्यों गए थे। 

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